Chamoli Avalanche Latest News: भारत-चीन की सीमा पर स्थित चमोली के माणा के पास शुक्रवार को हुए भूस्खलन में फंसे 55 में से 50 मजदूरों को निकाल लिया गया है। 5 की खोज जारी है। बचाव अभियान में सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ लगी हुई है। उम्मीद जताई जा रही है कि शनिवार तक सभी को रेस्क्यू कर लिया जाएगा। चार मजदूरों की मौत हो गई। सीएम धामी ने चार मजदूरों की मौत पर दुख जताया है। सीएम धामी धामी जोशीमठ आर्मी हेलीपेड पहुंचे। यहां उन्होंने लाए गए घायलों का हालचाल पूछा।

सीएम धामी ने एक्स पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया कि 14 अन्य श्रमिकों को निकाल लिया गया है। बाहर निकाले गए श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। गंभीर रूप से घायल 3 श्रमिकों को आर्मी चिकित्सालय, ज्योतिर्मठ में उपचार के लिए भेज दिया गया है। अभी तक कुल 50 श्रमिकों का सफल रेस्क्यू किया जा चुका है।
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माणा के निकट हुए हिमस्खलन में फंसे हुए श्रमिकों को निकालने के लिए चलाए जा रहे राहत एवं बचाव अभियान के क्रम में 14 अन्य श्रमिकों को भी सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। बाहर निकाले गए श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। गंभीर रूप से घायल 3 श्रमिकों को आर्मी… pic.twitter.com/z1I0aTjUsL
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) March 1, 2025
फंसे हुए अन्य श्रमिकों को भी जल्द से जल्द सुरक्षित बाहर निकालने के लिए कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के संपर्क में है। प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री कार्यालय के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा कि रेस्क्यू अभियान में किसी भी एजेंसी की आवश्यकता होने पर उनकी मदद ली जाएगी। माणा हेलिपैड को एक्टिवेट करने का निर्देश दिया गया। बारिश, बर्फबारी जारी है कई जगह पर मार्ग अवरुद्ध हो रहा है, इससे बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण बना है। बतादें कि जहां पर मजदूर थे वही पर एवलांच हुआ।
उपजिलाधिकारी चंद्रशेखर वशिष्ठ ने बताया कि मौसम खुलते ही माणा में रेस्क्यू शुरू किया गया। ज्योतिर्मठ से पहला हेली कुछ जवानों को लेकर रवाना हुआ। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, सुबह भारतीय सेना ने 14 और लोगों को बचाया है। कुछ को गंभीर चोटें आई हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आठ मजदूरों की तलाश की जा रही है। राहत की बात यह है कि अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि बाकी फंसे मजदूरों को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। घटनास्थल से जो सूचनाएं मिल रही है, उनके मुताबिक, बाकी मजदूर एक कंटेनर में हैं, जो पूरी तरह से बर्फ से ढक चुका है।
अलर्ट पर रखे गए हैं अस्पताल
एम्स समेत सभी प्रमुख अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। एम्स की हेली एंबुलेंस भी तैयार है। रेस्क्यू अभियान को और ज्यादा प्रभावी बनाने में हवाई अभियान अहम भूमिका निभा सकता है।
ड्रोन का भी होगा इस्तेमाल
आईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ के जवान रवाना कर दिए गए हैं। इसके साथ ही ड्रोन की एक टीम तैयार की है, जिससे वहां के हालात की जानकारी मिल सके और उनकी लोकेशन की जानकारी मिल सके। जिला प्रशासन के स्तर से आपदा प्रबंधन विभाग के ड्रोन के साथ ही निजी ड्रोन की सेवाएं ली जा रही हैं।
बर्फ से ढके पहाड़
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाके बर्फ से ढक गए हैं। लगातार हो रही बर्फबारी के कारण कर्फ्यू जैसी स्थित हो गई है। कई मार्ग बंद हो गए हैं। सड़कों पर कई किमी तक बर्फ ही बर्फ पसरी हुई है। आज भी कई जिलों में बारिश के आसार हैं। इसके बाद तीन और चार मार्च को भी मौसम खराब रहने की संभावना है। गोपेश्वर के 40 से अधिक गांव हिमाच्छादित है। औली, बदरीनाथ, जोशीमठ मलारी व गोपेश्वर चोपता हाइवे बर्फबारी के चलते बाधित है। बर्फबारी व वर्षा से ठंड भी बढ़ी है। चमोली जिले में दो दिनों से श्री बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब, औली, ज्योतिर्मठ के साथ 40 से अधिक गांवों में लगातार बर्फबारी व निचले स्थानों में वर्षा जारी है।