Close Menu
तीरंदाज़तीरंदाज़
    अतुल्य उत्तराखंड


    सभी पत्रिका पढ़ें »

    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Pinterest Dribbble Tumblr LinkedIn WhatsApp Reddit Telegram Snapchat RSS
    अराउंड उत्तराखंड
    • मालेगांव विस्फोट मामले में पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपी किए गए बरी
    • टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में अग्निवीरों की होगी सीधी तैनाती
    • Uttarakhand के धार्मिक स्थलों में धारण क्षमता के अनुरूप ही दिया जाएगा प्रवेश
    • Uttarakhand में और सख्त होगा धर्मांतरण कानून
    • Mann ki Baat… पांच साल में 200 से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स : पीएम मोदी
    • मनसा देवी मंदिर में भगदड़ में छह श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल
    • त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरिद्वार में हैलीपोर्ट के बारे में सीएम धामी से मांगी जानकारी
    • उत्तराखंड में सुदृढ़ और सुरक्षित सड़क नेटवर्क के लिए केंद्र सरकार का प्रयास सराहनीय: Trivendra Singh Rawat
    • वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिए धामी सरकार ने कसी कमर
    • ‘जानलेवा सिस्टम’, दम तोड़ती उम्मीद और टूट चुका भाई
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube WhatsApp Telegram LinkedIn
    Thursday, July 31
    तीरंदाज़तीरंदाज़
    • होम
    • स्पेशल
    • PURE पॉलिटिक्स
    • बातों-बातों में
    • दुनिया भर की
    • ओपिनियन
    • तीरंदाज LIVE
    तीरंदाज़तीरंदाज़
    Home»दुनिया भर की»सार्वजनिक स्थानों पर हुए अतिक्रमण पर चलेगा बुलडोजर, Supreme Court की हरी झंडी
    दुनिया भर की

    सार्वजनिक स्थानों पर हुए अतिक्रमण पर चलेगा बुलडोजर, Supreme Court की हरी झंडी

    teerandajBy teerandajOctober 1, 2024No Comments
    Share now Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn
    Share now
    Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn

    सार्वजनिक स्थलों पर हुए अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्रवाई जारी रहेगी। मामले से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए Supreme Court ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों हुए अतिक्रमण को गिराने पर रोक नहीं लगी है। सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है। अतिक्रमण करने वाले धार्मिक ढांचे को भी हटाना होगा। इस पर कार्रवाई की छूट है। हमारी रोक सिर्फ बदले की कार्रवाई पर है। यानी, अगर कोई व्यक्ति आरोपी है या फिर दोषी साबित हो चुका है, तो उसके खिलाफ बदले के तौर पर बुलडोजर कार्रवाई नहीं की जा सकती है।

    संपत्तियों को गिराने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह स्पष्ट करने जा रहे हैं कि सिर्फ इसलिए कि कोई आरोपी या दोषी है, उसकी संपत्ति को गिराने का आधार नहीं बनाया जा सकता साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक सड़कों, सरकारी जमीन पर किसी भी अनधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उन याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की, जिनमें आरोप लगाया गया है कि कई राज्यों में अपराधियों, आरोपियों और अन्य की संपत्तियों को गिराया जा रहा है।

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह संपत्तियों को ध्वस्त करने के मुद्दे पर सभी नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश तय करेगा, किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं। पीठ ने कहा कि हम जो भी तय कर रहे हैं, हम इसे पूरे देश में सभी नागरिकों, सभी संस्थानों के लिए तय कर रहे हैं, किसी विशेष समुदाय के लिए नहीं। हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं। किसी धर्म विशेष के लिए अलग कानून नहीं हो सकता।
    सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि वह सार्वजनिक सड़कों, सरकारी भूमि या जंगलों पर किसी भी अनधिकृत निर्माण को संरक्षण नहीं देगी। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि हम ये भी सुनिश्चित करेंगे कि हमारी सीमाओं या किसी भी सार्वजनिक संपत्ति पर अतिक्रमण न हो सके।

    बरकरार रखी बुलडोजर कार्रवाई पर रोक
    बतादें कि न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की बेंच ने इस मामले की सुनवाई की। इससे पहले 17 सितंबर के अपने आदेश में अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने पर रोक लगा दी थी। 17 सितंबर के अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 1 अक्टूबर तक बिना सुप्रीम कोर्ट की पूर्व अनुमति के किसी की भी संपत्तियों को नहीं गिराया जाएगा। अपने निर्देश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अवैध रूप से ध्वस्तीकरण का एक भी मामला संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
    हालांकि, उसी समय सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया था कि उसका आदेश उन मामलों में लागू नहीं होगा, जहां सड़क, गली, फुटपाथ, जंगल, रेलवे लाइन या किसी जल निकाय जैसे किसी सार्वजनिक स्थान पर कोई अनधिकृत संरचना है और उन मामलों में भी लागू नहीं होगा, जहां न्यायालय द्वारा ध्वस्तीकरण का आदेश दिया गया है।

    उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या आपराधिक मामले में आरोपी होना बुलडोजर कार्रवाई का सामना करने का आधार हो सकता है। इस पर मेहता ने जवाब देते हुए कहा कि बिल्कुल नहीं, बलात्कार या आतंकवाद जैसे जघन्य अपराधों के लिए भी नहीं।
    सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि उन्हें चिंता है कि अदालत कुछ उदाहरणों के आधार पर निर्देश जारी कर रही हैं जिसमें आरोप लगाया गया है कि एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। न्यायमूर्ति गवई ने कहा, अनधिकृत निर्माण के लिए एक कानून होना चाहिए, यह धर्म या आस्था या विश्वास पर निर्भर नहीं है।

    New Criminal Laws

    अवैध निर्माण वालों को मिले 10 से 15 दिन का समय
    जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि अगर निर्माण अवैध है तो भी उसमें रहने वाले लोगों को 10 से 15 दिन का समय दिया जाना चाहिए ताकि वो अपने लिए वैकल्पिक घर की व्यवस्था कर सकें। उन्होंने कहा कि महिलाओं, बच्चों और उम्रदराज लोगों को सड़कों पर देख दुख होता है। जस्टिस गवई ने कहा कि सार्वजनिक जमीन पर अतिक्रमण के मामलों में अदालत कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। कोर्ट ने कहा कि अगर सार्वजनिक सड़क, फुटपाथ इत्यादि पर अवैध संरचना बनी है तो अदालत का ये आदेश कब्जा करने वालों की कोई मदद नहीं करेगा। अदालत की तरफ से कहा गया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और उसका आदेश हर किसी पर लागू होगा।

    उधर, याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े ने कहा कि बुलडोजर शक्ति प्रदर्शन का जरिया बन गया है, इसका प्रदर्शन किया जाता है, जाने माने टीवी एंकर्स बुलडोजर्स में बैठकर बाइट्स देते हैं। उन्होंने कहा कि एक माहौल बना दिया गया है कि पहले घर गिराए जाएंगे और एक्सप्लेन बाद में किया जाएगा।

    सुनवाई के दौरान जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि विध्वंस प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जानी चाहिए ताकि बाद में अदालतें यह पता लगा सकें कि कार्रवाई वैध थी या नहीं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिनिधि को हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हमें किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था की जरूरत नहीं है, भारत में पर्याप्त विशेषज्ञ मौजूद हैं। कोर्ट ने ये भी कहा कि बुलडोजर एक्शन के मामलों की सुनवाई के लिए किसी विशेष अदालत के गठन की जरूरत नहीं है।

    कोर्ट की खबरें बुलडोजर एक्शन सुप्रीम कोर्ट की खबरें
    Follow on Facebook Follow on X (Twitter) Follow on Pinterest Follow on YouTube Follow on WhatsApp Follow on Telegram Follow on LinkedIn
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Pinterest Telegram LinkedIn
    teerandaj
    • Website

    Related Posts

    मालेगांव विस्फोट मामले में पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपी किए गए बरी

    July 31, 2025 दुनिया भर की By teerandaj4 Mins Read1
    Read More

    Mann ki Baat… पांच साल में 200 से ज्यादा स्पेस स्टार्टअप्स : पीएम मोदी

    July 27, 2025 दुनिया भर की By teerandaj3 Mins Read3K
    Read More

    Girl Education… गजब! बेटियां हर क्षेत्र में अव्वल, फिर भी नहीं बदल रही संकीर्ण सोच

    June 19, 2025 कवर स्टोरी By teerandaj4 Mins Read29
    Read More
    Leave A Reply Cancel Reply

    अतुल्य उत्तराखंड


    सभी पत्रिका पढ़ें »

    Top Posts

    Delhi Election Result… दिल्ली में 27 साल बाद खिला कमल, केजरीवाल-मनीष सिसोदिया हारे

    February 8, 202513K

    Uttarakhand : ये गुलाब कहां का है ?

    February 5, 202512K

    Delhi Election Result : दिल्ली में पहाड़ की धमक, मोहन सिंह बिष्ट और रविंदर सिंह नेगी बड़े अंतर से जीते

    February 8, 202512K

    UCC In Uttarakhand : 26 मार्च 2010 के बाद शादी हुई है तो करा लें रजिस्ट्रेशन… नहीं तो जेब करनी होगी ढीली

    January 27, 202511K
    हमारे बारे में

    पहाड़ों से पहाड़ों की बात। मीडिया के परिवर्तनकारी दौर में जमीनी हकीकत को उसके वास्तविक स्वरूप में सामने रखना एक चुनौती है। लेकिन तीरंदाज.कॉम इस प्रयास के साथ सामने आया है कि हम जमीनी कहानियों को सामने लाएंगे। पहाड़ों पर रहकर पहाड़ों की बात करेंगे. पहाड़ों की चुनौतियों, समस्याओं को जनता के सामने रखने का प्रयास करेंगे। उत्तराखंड में सबकुछ गलत ही हो रहा है, हम ऐसा नहीं मानते, हम वो सब भी दिखाएंगे जो एकल, सामूहिक प्रयासों से बेहतर हो रहा है। यह प्रयास उत्तराखंड की सही तस्वीर सामने रखने का है।

    एक्सक्लूसिव

    Dehradun Basmati Rice: कंकरीट के जंगल में खो गया वजूद!

    July 15, 2025

    EXCLUSIVE: Munsiyari के जिस रेडियो प्रोजेक्ट का पीएम मोदी ने किया शिलान्यास, उसमें हो रहा ‘खेल’ !

    November 14, 2024

    Inspirational Stories …मेहनत की महक से जिंदगी गुलजार

    August 10, 2024
    एडीटर स्पेशल

    Uttarakhand : ये गुलाब कहां का है ?

    February 5, 202512K

    Digital Arrest : ठगी का हाईटेक जाल… यहां समझिए A TO Z और बचने के उपाय

    November 16, 20249K

    ‘विकास का नहीं, संसाधनों के दोहन का मॉडल कहिये…’

    October 26, 20237K
    तीरंदाज़
    Facebook X (Twitter) Instagram YouTube Pinterest LinkedIn WhatsApp Telegram
    • होम
    • स्पेशल
    • PURE पॉलिटिक्स
    • बातों-बातों में
    • दुनिया भर की
    • ओपिनियन
    • तीरंदाज LIVE
    • About Us
    • Atuly Uttaraakhand Emagazine
    • Terms and Conditions
    • Privacy Policy
    • Disclaimer
    © 2025 Teerandaj All rights reserved.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.