Budget 2025 में सरकार ने किसानों के लिए खजाना खोल दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में कृषि क्षेत्र के लिए बड़े एलान किए। वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इसे किसानों के लिए बड़े सौगात की तरह देखा जा रहा है। इससे किसानों की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और वह अधिक कॉमर्शियल खेती कर सकेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए अल्पकालिक ऋण की सुविधा प्रदान करता है। केसीसी के माध्यम से लिए गए ऋण सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जाएगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, दलहन में आत्मनिर्भरता, बिहार में मखाना बोर्ड बनाने और असम में यूरिया प्लांट खोलने का एलान किया गया है।
इसके अलावा मध्यम वर्ग को बड़ा तोहफा देते हुए वित्त मंत्री ने 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगाने का एलान किया। जब स्टैंडर्ड डिडक्शन भी जोड़ देंगे तो वेतनभोगी लोगों के लिए 12.75 लाख रुपये की आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री के रूप में लगातार आठवीं बार बजट प्रस्तुत कर रही हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है। इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इसके दायरे में सभी तरह के किसान आएंगे। कृषि के अच्छे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि इस योजना से उत्तराखंड के किसानों को लाभ मिलेगा। क्योंकि यहां पर बहुत से क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर उत्पादन कम है।
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दलहन की खेती पर जोर
केंद्रीय बजट में दलहन की खेती पर खासा जोर दिया गया है। बतादें कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान दालों के दाम में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इससे आम लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। उन्हें राहत देने के लिए यह कदम उठाया गया है। कई वजहों से किसान दलहन की खेती से दूर जा रहे हैं। इसलिए दलहन का आयात बढ़ा है। सरकार की कोशिश है कि इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देकर आयात कम किया जा सकता है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि तुअर, उड़द और मसूर दाल के लिए सरकार छह वर्ष का मिशन शुरू करेगी ताकि दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके। नैफेड और एनसीसीएफ तीन तरह की दालों की खरीद करेगी। इन एजेंसियों में पंजीकृत किसानों से दालें खरीदी जाएंगी।
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श्री अन्न… राज्यों के साथ मिलकर एक योजना बनाई जाएगी
श्रीअन्न और फलों की मांग बढ़ती जा रही है। इसके लिए राज्यों के साथ मिलकर एक योजना शुरू की जाएगी। इसमें कृषि उपज संगठनों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा बिहार में मखाना बोर्ड बनेगा। बिहार के लोगों के लिए यह विशेष अवसर है ताकि वे मखाना का उत्पादन और उसके प्रसंस्करण को बढ़ावा दे सकें। मखाना बोर्ड इसमें किसानों की मदद करेगा।
पहले बजट में किसानों को दिए गए थे 22.5 करोड़ रुपये
देश में आजादी के बाद से अब तक कृषि बजट काफी हद तक बदल गया है। 1947-48 में जब बजट पेश किया गया था तो उसमें 22.5 करोड़ रुपये कृषि क्षेत्र को दिए गए थे। यह भी बतौर अनाज सब्सिडी के लिए थे। इसके बाद 2013-14 में कृषि बजट बढ़कर 27 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया। 2024-25 में कृषि बजट बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये हो गया। देश के बजट में कृषि बजट की हिस्सेदारी तीन फीसदी है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत 1998 में हुई थी
किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत 1998 में की गई थी। इसके तहत खेती और उससे जुड़ी गतिविधियों में लगे किसानों को 9 फीसदी ब्याज दर पर अल्पकालीन फसल ऋण दिया जाता है। सरकार किसानों को ब्याज पर 2 फीसदी छूट देती है और समय से अदायगी करने वाले किसानों के ब्याज में बतौर प्रोत्साहन 3 फीसदी कमी और कर दी जाती है। इस तरह किसानों को सालाना 4 फीसदी दर पर कर्ज मिल जाता है। इस योजना के तहत सक्रिय क्रेडिट कार्ड खातों की संख्या 30 जून, 2023 तक 7.4 करोड़ से अधिक थी और उन पर 8.9 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था।
खेती की लागत तो बढ़ी मगर, किसानों की उधारी सीमा नहीं बढ़ी थी
कृषि क्षेत्र से जुड़े जानकारों का कहना है कि इन दिनों खेती की लागत बहुत बढ़ी है मगर किसान क्रेडिट कार्ड पर उधारी की सीमा कई साल से बढ़ाई नहीं गई। अगर सरकार ये दायरा में इजाफा करती है तो कृषि क्षेत्र में उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही कृषि आय बढ़ाने में मदद भी होगी। सरकार के इस कदम से किसानों की जीवनशैली में ही सुधार नहीं होगा, बल्कि बैंकिंग प्रणाली का जोखिम भी घटेगा क्योंकि किसान समय पर कर्ज चुका देंगे। क्योंकि किसान क्रेडिट कार्ड का उद्देश्य बड़ी जमीन वाले किसानों को ही नहीं बल्कि छोटी जोत वाले किसानों और पशुपालन एवं मत्स्य पालन जैसी गतिविधियों में लगे लोगों को भी अपने दायरे में लाना है।
इनकम टैक्स कितनी होगी बचत
नई टैक्स व्यवस्था के तहत अगले वित्त वर्ष 2025-26 में 12 लाख रुपये सालाना कमाने वाले लोगों को 80,000 रुपये की बचत होगी। जिन लोगों की वार्षिक आय 24 लाख रुपये या इससे अधिक है, वे इनकम टैक्स में 1.10 लाख रुपये बचा सकते हैं। 13 लाख रुपये सालाना आय वाले लोग कर देनदारी पर 25,000 रुपये बचाएंगे। इसी तरह 14 लाख रुपये सालाना आय वाले लोग 30,000 रुपये, 15 लाख रुपये कमाने वाले 35,000 रुपये, 16 लाख रुपये कमाने वाले 50,000 रुपये और 17 लाख रुपये कमाने वाले 60,000 रुपये बचाएंगे। वहीं वार्षिक आय 18 लाख रुपये होने पर बचत 70,000 रुपये, 19 लाख रुपये पर 80,000 रुपये, 20 लाख रुपये पर 90,000 रुपये, 21 लाख रुपये पर 95,000 रुपये, 22 लाख रुपये पर एक लाख, 23 लाख रुपये पर 1.05 लाख रुपये की बचत होगी। 24 लाख रुपये से अधिक आय वालों को 1.10 लाख रुपये का कर लाभ मिलेगा।