युवाओं से जुड़े मुद्दों पर सरकार से सीधे टक्कर लेकर 26 साल का एक युवा उत्तराखंड की टिहरी लोकसभा में चर्चा का केंद्र बन गया है। बात हो रही है बॉबी पंवार (Bobby Panwar) की। निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनावी समर में उतरे बॉबी को जबरदस्त जनसमर्थन मिल रहा है। लगातार उसकी लोकप्रियता का ग्राफ बढ़ रहा है। यहां तक कि जो युवक चुनाव लड़ने के लिए क्राउड फंडिंग कर रहा है, उसने सियासी धुरंधरों की पेशानी पर बल ला दिए हैं।
सोशल मीडिया के इस दौर में जमीन पर संघर्ष करने वाले बॉबी ने सबका ध्यान खींचा है। वह बेरोजगार संघ के अध्यक्ष हैं। उन्होंने ही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में धांधली का खुलासा किया था। शाह राजपरिवार की परंपरागत सीट मानी जाने वाली टिहरी (Tehri) लोकसभा अचानक चर्चा का केंद्र बन गई है। सबकी दिलचस्पी इसमें है कि बॉबी इस लड़ाई को कहां तक ले जाते हैं। इस समय हर जगह उनकी चर्चा हो रही है।
सीनियर जर्नलिस्ट पवन लालचंद कहते हैं, बॉबी पवार का नामांकन का जोश देखिए युवाओं में वो सब खुद से आए थे। सारे बच्चे यही पढ़ रहे हैं पूरे प्रदेश के बच्चे देहरादून में पढ़ रहे हैं। उन्होंने अपना दिन दिया, सब बाहर निकले। बच्चों में जोश है, उम्मीद है लेकिन प्रिंसिपल अपोजिशन पार्टी के नाते क्या कांग्रेस चैनेलाइज कर पा रही है इस जोश को। प्रीतम सिंह कौन से जिम्मेदारी लेंगे, फिर आप जब कहते हैं कि लोकतंत्र खतरे में है तो लोकतंत्र को बचाने का मौका चुनाव होता है, आप उतरते टिहरी में मैदान में, आपकी भावना तो दिखती, नतीजा जो आता सो आता। हरीश रावत हरिद्वार, यशपाल आर्य अल्मोड़ा में उतरते। इस तरह से देखिए कांग्रेस की सीनियर लीडरशिप पीछे चली गई है। मैं एक बहुत इंटरेस्टिंग चीज देख रहा हूं, भाजपा के स्तर पर भी ये अलार्मिंग है, जो ये मान के चल रही है कि हमें तो कोई दिक्कत नहीं होने वाली। भाजपा के कार्यक्रमों में आप देखेंगे तो भीड़ आ रही है लेकिन लोगों में जोश नजर नहीं आ रहा। लोग खानापूर्ति सी कर रहे हैं। रानी राज्यलक्ष्मी शाह का नामांकन ही देखिये, मुख्यमंत्री गाड़ी में चढ़े हुए थे, हम भी चल रहे थे कोई जोश नहीं था, जो जोश आपने बॉबी पवार के नामांकन में देखा। मैं सभी प्रत्याशियों के नामांकन को देख चुका हूं वो जोश नहीं है, यह बहुत बड़ा खतरा भी हो सकता है। कई बार जब सत्ता गहरी नींद में सो जाती है, ये मानकर चलती है कि हमारा कुछ नहीं होने वाला तब पब्लिक उनको झकझोर देती है। अब देखना है कि युवाओं का नायक क्या सियासत का नायक बन पाता है।
वरिष्ठ पत्रकार गजेंद्र सिंह रावत कहते हैं- बॉबी पंवार को मिल रहा Youth Support यह दर्शाता है कि युवाओं में काफी आक्रोश है।
एक और वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला कहते हैं- बॉबी फैक्टर पर मैंने रिसर्च किया। तथ्य यह है कि 20 से 29 वर्ष आयुवर्ग में 56 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिन्हें कभी रोजगार नहीं मिला। प्रदेश में बेरोजगारी दर करीब 12 प्रतिशत है। युवा वर्षों से देहरादून में रहकर तैयारी करते हैं। पेपर लीक से उनका कितना नुकसान होता है, हम कल्पना ही कर सकते हैं। वह कहते हैं सीएम पुष्कर धामी ने बड़ी-बड़ी बातें कहीं, पेपर लीक पर लेकिन परिणाम सिफर ही रहा। प्रेमचंद अग्रवाल आज भी मंत्री बने हुए हैं। इस मुद्दे पर वह खामोशी की चादर ओढ़ लेते हैं। हालांकि, मुझे नहीं लगता कि बॉबी कुछ ज्यादा कर पाएंगे। क्योंकि, मतदाताओं की बात करें तो जौनसारी वोट 5.8 हैं। वहीं, गोरखाली वोट 8 फीसदी है, जो सीधे रानी को जाते हैं। उम्मीद इस बात की है कि जब हरओर खामोशी है, तब बॉबी आवाज़ बना हुआ है। अभी चिंगारी है, कभी न कभी तो सुलगेगी।
लोकसभा चुनाव में इस बार एक शख्सियत ने सबका ध्यान खींचा। वह हैं टिहरी (tihri) लोकसभा से निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार (bobby panwar) । जिनके पास चुनाव लड़ने तक के पैसे नहीं हैं। दरअसल, पत्रकारों ने जिस नामांकन रैली का जिक्र किया उसमें युवाओं (Youth )और महिलाओं की उमड़ी भीड़ ने खांटी नेताओं के माथे की लकीरों को और गहरा कर दिया। नामांकन से पहले बॉबी पंवार ने हजारों की भीड़ के साथ परेड ग्राउंड से कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला। इस दौरान महिलाएं अपनी परंपरागत परिधान में पहुंचीं और नृत्य के साथ उन्हें अपना समर्थन जताया। युवाओं में भी इस दौरान जबरदस्त उत्साह दिखा। वह जमकर नारेबाजी करते रहे।
माला राज्यलक्ष्मी और जोत सिंह से मुकाबला
भाजपा ने यहां से राजशाही परिवार से माला राज्यलक्ष्मी शाह को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस ने जोत सिंह गुनसोला पर दांव लगाया है। बसपा ने नेमचंद को टिकट दिया है। यहां से कुल 11 प्रत्याशी मैदान में हैं। बॉबी पंवार को उत्तराखंड क्रांति दल ने भी समर्थन दिया है।
पुलिस लाठीचार्ज बना बॉबी के लिए गेमचेंजर
पिछले साल गांधी पार्क में हजारों की संख्या में युवक-युवतियों ने बॉबी पंवार के नेतृत्व में एक बड़ा आंदोलन किया था। इसमें बवाल हो गया था। पथराव, लाठीचार्ज के बाद पुलिस ने बॉबी को गिरफ्तार किया था। इसको लेकर काफी दिनों तक हंगामा होता रहा। बाद में उनकी जमानत हुई। उसके बाद से वह अलग-अलग मुद्दों पर सरकार को घेर रहे हैं।
टिहरी सीट पर प्रत्याशी
जोत सिंह गुनसोला (कांग्रेस)
माला राज्यलक्ष्मी शाह (भाजपा)
नेमचंद (बसपा)
नवनीत सिंह गुसाईं (राष्ट्रीय उत्तराखंड पार्टी)
बृजभूषण करनवाल (भारतीय राष्ट्रीय एकता दल)
रामपाल सिंह (पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक)
प्रेमदत्त सेमवाल (निर्दलीय)
बॉबी पंवार (निर्दलीय)
विपिन कुमार अग्रवाल (निर्दलीय)
सरदार खान पप्पू (निर्दलीय)
सुदेश तोमर (निर्दलीय)