मिल्कीपुर उपचुनाव : लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा अयोध्या में भाजपा की हार की हुई थी। सपा के मिल्कीपुर से विधायक अवधेश प्रसाद ने भाजपा के लल्लू सिंह को हरा दिया था। विपक्षी दलों ने इस जीत पर भाजपा को खूब चिढ़ाया था। अखिलेश यादव अवधेश प्रसाद का हाथ थाम संसद में प्रवेश किया था। उन्हें आगे की पंक्ति में बैठाया था। इसके बाद से ही सीएम योगी ने इस सीट पर नजर गड़ा दी थी। तब से तैयारियां की जा रही थीं। आठ फरवरी को आए नतीजे भाजपा के पक्ष में रहे। यहां भाजपा के चंद्रभानु पासवान 61710 हजार मतों से जीत दर्ज की। अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद मैदान में थे। चंद्रभानु को कुल 146397 लाख वोट मिले। वहीं, अजीत प्रसाद को 84687 हजार वोट मिले।
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शुरू से ही भाजपा प्रत्याशी अपने प्रतिद्वंदी सपा प्रत्याशी से बड़ा अतंराल बनाए हुए थे। एक तरह से भाजपा ने मिल्कीपुर उपचुनाव में चंद्रभानु पासवान के रूप में नए और युवा चेहरे पर जो दांव लगाया था, वो सही साबित हुआ। इस सीट पर जनप्रतिनिधियों की पसंद और नापसंद के बीच का नाम तय किया गया। यहां पर बताते चलें कि संगठन की ओर से कराए गए सर्वे की रिपोर्ट प्रत्याशी घोषित करने के लिए हाईकमान के फैसले का आधार बनी थी। चंद्रभानु पासवान की पत्नी दो बार से जिला पंचायत सदस्य हैं। ऐसे में चुनाव प्रबंधन का भी अनुभव है। कपड़े के कारोबार के चलते गुजरात से भी कनेक्शन है।
मिल्कीपुर सीट के लिए भाजपा के टिकट के करीब एक दर्जन दावेदारों को पीछे छोड़ते हुए चंद्रभानु ने बाजी मारी। इनमें दो पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा और रामू प्रियदर्शी भी शामिल थे। इनके अलावा उपपरिवहन आयुक्त सुरेंद्र कुमार को भी टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। उन्होंने तो टिकट के लिए आवेदन करने के बाद सरकारी सेवा से वीआरएस के लिए भी आवेदन कर दिया था। इसी तरह और भी कई बड़े चेहरे शामिल रहे।
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भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी चंद्रभानु पासवान वर्तमान में पार्टी की जिला कार्यसमिति के सदस्य हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में वह अनुसूचित जाति संपर्क प्रमुख रहे। इनकी जन्मतिथि तीन अप्रैल वर्ष 1986 है। रुदौली के परसौली गांव के निवासी हैं। इनकी शैक्षिक योग्यता बीकॉम, एमकॉम और एलएलबी है। पेशे से अधिवक्ता होने के साथ कपड़े और पेपर के कारोबारी हैं। गुजरात के अहमदाबाद और सूरत तक इनका कारोबार फैला है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़ाव रखते हैं

चंद्रभानु पासी समाज से आते हैं। यदि भाजपा प्रत्याशी के राजनीतिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो इनकी पत्नी कंचन पासवान वर्ष 2021 के चुनाव में रुदौली चतुर्थ सीट से 11,382 मत पाकर जिले में सर्वाधिक मतों से जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित हुई हैं। इसके पहले वर्ष 2015 में रुदौली पंचम सीट से 8396 मत हासिल कर सर्वाधिक मतों से जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थीं। इनके पिता बाबा राम लखन दास 2021 में फिर से ग्राम प्रधान निर्वाचित हुए। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़ाव रखते हैं।
2027 में समाजवादी पार्टी समाप्तवादी पार्टी बन जाएगी’
चुनाव नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि -आज दिल्ली को प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में चलने वाली सरकार मिली है… मिल्कीपुर की ऐतिहासिक जीत पर मैं भाजपा उम्मीदवार को बधाई देता हूं। समाजवादी पार्टी की गुंडागर्दी हारी है। ये शुरुआत है, 2027 में समाजवादी पार्टी समाप्तवादी पार्टी बन जाएगी।”