केंद्र सरकार की ओर से जारी FSI Report-2023 के मुताबिक, उत्तराखंड में पिछले वर्ष की तुलना में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालांकि, कहा जा रहा है कि तकनीकी उन्नत होने के कारण हर छोटी से छोटी घटनाएं भी रिकॉर्ड में आ रही है। इसलिए यह आंकड़ा बढ़ा है। फिर भी यह हालात चिंताजनक हैं। जंगलों में आग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए और कदम उठाने होंगे। भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआइ) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार नवंबर 2023 से जून 2024 के बीच देश में वनों में दो लाख से अधिक घटनाएं प्रकाश में आई…
Author: teerandaj
गंगधारा की तरह ही विचारों की अविरलता भी आवश्यक है। विचारों का प्रवाह आदमी को थकने नहीं देता और मंजिल तक पहुंचा देता है। यह बातें सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय में आयोजित हिमालयी क्षेत्रों की चुनौती और विकास को लेकर देवभूमि विकास संस्थान का दो दिनी गंगधारा: विचारों का अविरल प्रवाह, व्याख्यानमाला में कहीं। CM DHAMI ने कहा कि इस तरह के आयोजन समाज में परिवर्तन लाने के वाहक बनते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में विचारों के आदान-प्रदान की परंपरा रही है। उन्होंने हिमालयी क्षेत्रों का जिक्र करते हुए कहा कि यहां पर इकोलाजी और…
ओखली (उरख्याली-गंज्याली) पत्थर और कही लकड़ी की बनाई जाती थी और मूसल बाज की लकड़ी से बनाया जाता था। मूसल के वजन का विशेष ध्यान रखा जाता था। इसकी लबाई दो से ढाई मीटर होती थी। मूसल के नीचे लोहे का एक छल्ला लगाकर उसे रंगोली से सजाया भी जाता था। धान कूटने का यह उपकरण बेहद पवित्र माना जाता था। इसे लांघा नहीं जाता था। लेकिन, अब लगता है कि आने वाली पीढ़ियां इसको भूल जाएगी। वजह है, धान कूटने की मशीनों ने पहाड़ों पर कब्जा जमा लिया है। इससे आराम तो मिला हैं लेकिन सदियों पुरानी परंपरा को…
Uttarakhand की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का प्रतीक ब्रह्म कमल टोपी की छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में खूब धूम रही। दरअसल, पब्लिक रिलेशंस सोसाइटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई) के राष्ट्रीय अधिवेशन में देशभर के लोग जमा हुए। इसमें देहरादून चैप्टर के सदस्य भी पारंपरिक ब्रह्म कमल टोपी पहने शामिल हुए जो अधिवेशन में आकर्षण के केंद्र में रही। देश के दूसरे हिस्से से आने वालेU सदस्यों ने इस टोपी के बारे में जानना चाहा। यह भी पढ़ें : तीन साल बाद जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर हादसे की सामने आई वजह छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा को देहरादून चैप्टर की…
अतुल्य उत्तराखंड के लिए दिनेश रावत एक खेत! हर वर्ष पहली बार जब भी वहां घास कटती है, गांव के लोगों में प्रसाद के रूप में बंटती है। जी हां! यह सच है। वहां उत्सव-सा माहौल दिखता है। आस्था दिखती है, उल्लास दिखता है। गीत-प्रीत और संगीत दिखता है। सामूहिकता का भाव दिखता है, अपनी जड़—ज़मीन से जुड़ाव दिखता है। इसलिए उस खेत से घास लेने के लिए गांव के हर घर-परिवार से कोई-न-कोई सदस्य अवश्य पहुंचता है। उस दिव्य भूमि को प्रणाम करते हैं। पूजते हैं, धूप-दीप, गंध—अक्षत और भोग-प्रसाद चढ़ाते हैं। इसी बहाने आराध्य इष्टदेव श्रीरघुनाथ जी का…
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत की मौत का कारण मानवीय भूल थी। यह खुलासा हादसे के तीन साल बाद संसदीय कमेटी की रिपोर्ट में हुई है। दुर्घटना के बाद सरकार ने मामले की जांच के लिए संसदीय कमेटी का गठन किया था। बतादें कि तमिलनाडु के कुन्नूर के पास आठ दिसंबर 2021 को एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर हादसे का शिकार हुआ था। इसमें देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत शहीद हुए थे। जनरल रावत के साथ हेलिकॉप्टर में उनकी पत्नी पत्नी मधुलिका रावत भी सवार थीं। हादसे में कुल 13 लोगों की मौत हुई…
उत्तराखंड के किसानों की उपज को सही दाम मिले इसके लिए उत्तराखंड कृषि उत्पादन विपणन बोर्ड (मंडी परिषद) रामनगर मंडी समिति परिसर में Integrated Pack House बनाने की कवायद कर रहा है। बताया जा रहा है कि इंटीग्रेटेड पैक हाउस में किसानों के फल-सब्जियों व अन्य उत्पादों की छटाई के बाद ग्रेडिंग की जाएगी। इसके बाद मंडी की ओर से किसानों के उत्पादों को ब्रांड नाम दिया जाएगा। इसके अलावा मंडी ही कृषि उपजों की बिक्री करने वाली बड़ी कंपनी से करार करेगी। यह कंपनी उपजों को किसानों से खरीदकर सही दाम देगी। यह भी पढ़ें : संख्या 108 :…
संख्याओं के जादूगर श्रीनिवास रामानुजन प्रत्येक संख्या को अपने दोस्त के समान मानते थे। उनके जन्मदिन (22 दिसंबर) के उपलक्ष्य में संख्या 108 के गणितीय, खगोलीय और यौगिक महत्व की चर्चा कर महान गणितज्ञ को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा हूं। मेरा मानना है,संख्याएं केवल गणनाओं का माध्यम नहीं होतीं। वे हमारे जीवन के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक पहलुओं को गहराई से छूती हैं। संख्या 108 एक ऐसा दिव्य उदाहरण है जहां गणितीय तर्क और आध्यात्मिक आस्था एक-दूसरे से गूंथकर एक अद्भुत समरसता का निर्माण करते हैं। 108 केवल एक अंक नहीं है- यह समय, अंतरिक्ष और आध्यात्मिक चेतना का पुल…
बद्रीनाथ मार्ग पर 55 क्रॉनिक भूस्खलन जोन (लगातार होने वाले/गंभीर) की पहचान की गई है। इन भुस्खलन जोन की पहचान उत्तराखंड लैंड स्लाइड मिटिगेशन एंड मैनेजमेंट सेंटर (यूएलएसएमएमसी) ने की है। बतादें कि बारिश के सीजन में बद्रीनाथ, केदारनाथ समेत उत्तराखंड के कई इलाकों में भुस्खलन हुए थे। इसमें कई लोगों की जान गई थी तो तमाम लोग जख्मी हुए थे। इसके बाद यूएलएसएमएमसी ने बदरीनाथ मार्ग पर भूस्खलन की दृष्टि से सर्वे का काम बरसात के बाद शुरू किया था। टीम ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसमें भूस्खलन का स्थान, उसका क्षेत्रफल समेत अन्य तकनीकी जानकारी का उल्लेख…
07 फरवरी, 2024 को राज्य विधान सभा से समान नागरिक संहिता विधेयक 2024 (UCC) पारित किया गया। इस विधेयक पर महामहिम राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च, 2024 को इसका नोटिफिकेशन जारी किया गया। अब जनवरी में यह लागू होने जा रहा है। इस तरह उत्तराखंड, आजादी मे बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला प्रदेश बन जाएगा। बुधवार को सचिवालय में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) की बैठक के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने संकल्प के अनुसार, समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में होमवर्क पूरा कर…
Accident in Uttarakhand…नवंबर का महीना उत्तराखंड को दो बड़े जख्म देकर गया। अल्मोड़ा के सल्ट विकासखंड के मरचूला में यात्रियों से भरी एक बस गहरी खाई में गिर गई। यह बस पौड़ी जिले के नैनीडांडा ब्लॉक के बराथ-किनाथ से आ रही थी और इसे रामनगर पहुंचना था। इस हादसे में 36 लोगों की मौत हुई, दो लोगों ने बाद में इलाज के दौरान दम तोड़ा। 25 लोग गंभीर रूप से घायल हुए। मरचूला हादसे के जख्म अभी ताजा ही थे कि फिर 11 नवंबर को देहरादून में एक और भीषण सड़क हादसा हो गया। इसमें एसयूवी सवार 6 युवाओं की…
जलवायु परिवर्तन को लेकर दुनिया भर के पर्यावरणविद् चिंतित हैं। वैसे तो इसका असर पूरी दुनिया में दिखने लगा है लेकिन, पहाड़ी क्षेत्रों में तुलनात्मक रूप से ज्यादा है। वायुमंडल में कई सूक्ष्म तत्व हैं जो जीवन के लिए संकटकारी हैं। इनमें से एक है एरोसोल (Aerosols)। यह वायुमंडल में पाए जाने वाले सूक्ष्म कण हैं जो मौसम और जलवायु को प्रभावित करते हैं। चिंता की बात यह है कि हिमालयी क्षेत्रों में यह मानक से अधिक पाया गया है। वैज्ञानिक इसे लेकर चिंतित हैं। वायुमंडलीय एरोसोल मौसम और जलवायु अध्ययन के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध…
उत्तराखंड के सीमांत जिलों में Community Radio Center खोले जाएंगे। रेडियो सेंटर से शिक्षा, स्वास्थ्य संबंधी कार्यक्रम प्रसारित किए जाएंगे। इससे क्षेत्र की सामाजिक, सांस्कृतिक, पाक कला, भाषाई, संगीत और अन्य विविधताओं को बढ़ावा मिलेगा। सामुदायिक रेडियो सेंटर से बच्चों, किशोरों, महिलाओं, किसानों और वृद्धों को जोड़ा जाएगा। यहां से विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ उन्हें जागरूक भी किया जाएगा। यहां आपको बता दें कि उत्तराखंड में पहला सामुदायिक रेडियो सेंटर ऋषिकेश में पिछले साल खुला था। बतादें कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद सेना ने सामुदायिक रेडियो सेंटर शुरू किया था। यह बहुत उपयोगी…
Job में प्रेशर बहुत है। छुट्टी नहीं मिल रही। ये बातें हम लोग अक्सर सुनते रहते हैं। लेकिन, आपको बताते चले कि देश में ऐसी भी नौकरियां हैं जहां मोटी तनख्वाह तो मिलती है, साथ में अपने पालतू जानवरों के साथ वक्त बिताने के लिए छुट्टियां भी मिल जाया करती हैं। ये कंपनियां अपने कर्मचारियों के जिम का फीस भी भरती हैं। सिकनेस लीव की कोई लिमिट नहीं। मानसिक हेल्थ के लिए अलग से छुट्टी। वाकई यह सब सुनकर प्राइवेट नौकरी करने वाले आम कर्मचारी को रश्क हो जाए। ये नुख्शे टेक कंपनियां अपने Gen Z स्टाफ को लुभाने के…
अतुल्य उत्तराखंड के लिए जेपी मैठाणी आपको पता है सत्य की राह पर चलने का रास्ता भी बेहद दुर्गम, रोमांचक और प्रकृति के अनेक रहस्यों से भरा है अगर नहीं तो चलिए सतोपंथ ट्रैक यानि सत्य के पथ पर। भारत के चार धामों में प्रसिद्ध श्री बद्रीनाथ धाम से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी तय करके आप गहरे हरे और कभी-कभी साफ नीले पानी की एक झील के निकट पहुंचते हैं, जिसका नाम सतोपंथ झील है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार महाभारत के युद्ध के बाद लगभग 36 वर्षों तक राजकाज संभालने के बाद मोक्ष प्राप्ति और शिव को क्षमा सहित…
विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस आयोजन की सफलता से धामी सरकार बेहद उत्साहित है। इस सेक्टर में रोजगार की असीम संभावनाओं को देखते हुए धामी सरकार की नजरें अब दक्षिण भारतीय कंपनियों पर टिक गई हैं। सरकार की मंशा है कि ये कंपनियां भी उत्तराखंड में आएं। इस बाबत कंपनियों से वार्ता भी शुरू कर दी गई है। इस संबंध में केरल आयुर्वेदशाला, श्रीधर्यम जैसी संस्थाओं के साथ उत्तराखंड का संवाद शुरू हुआ है। बतादें कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने आयुष नीति बनाई है। विश्व आयुर्वेदिक कांग्रेस में स्वास्थ्य क्षेत्र के दिग्गजों ने इस नीति की काफी सराहना की…