Author: Arjun Singh Rawat

पत्रकारिता का लंबा करियर। एजेंसी,टीवी, अखबार, मैग्जीन, रेडियो और डिजिटल मीडिया का अनुभव। राष्ट्रीय मीडिया में 15 साल काम करने के बाद पहाड़ों का रुख। पहाड़ के मुद्दों पर खुलकर बोलने का दम। जमीन पर काम करने का जज़्बा और जुनून आज भी वैसा ही, जैसा पहले दिन था।

अतुल्य उत्तराखंड के लिए अर्जुन रावत गढ़वाल और कुमाऊं की सीमा से सटे पौड़ी के बीरोखाल ब्लॉक का एक इलाका है सीली-जमरिया। यह इलाका न सिर्फ स्थानीय लोगों को नौकरियां देने के लिए चर्चा का केंद्र बना हुआ है, बल्कि दूरदराज के इलाकों से लोग यहां काम की तलाश में भी आ रहे हैं। यहां एक उत्तराखंडी की हर्बल एक्सट्रैक्ट कंपनी पहाड़ में इंडस्ट्री के लिए नजीर बन गई है। स्थानीय गांव जमरिया के पेशे से माइक्रोबायोलॉजिस्ट हर्षपाल सिंह चौधरी ने अपने गांव में ही अंबे फाइटो एक्सट्रैक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी स्थापित की है, जो इस क्षेत्र के कई लोगों…

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इसमें दो राय नहीं है कि स्थानीय बोलियां संकट में है। जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ रहा है, ग्रामीण क्षेत्र घट रहा है, उसी के साथ देश के हर हिस्से में क्षेत्रीय बोलियों का चलन कम होता जा रहा है। हर जगह बोली की पहचान ओर दायरा सिकुड़ रहा है। उत्तराखंड का संकट बाकी हिस्सों से बड़ा है, क्योंकि यहां पलायन बड़ा संकट है। यानी, गांव खाली होते जा रहे हैं। ऐसे में क्षेत्रीय बोलियां विलुप्त होने लगी हैं। अगर बोलियां जाएंगी तो अपने साथ कई चीजों को ले जाएंगी। इसका असर लोक परंपराओं पर भी पड़ेगा। असर दिखने भी लगा है।…

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देहरादून के दून विश्वविद्यालय में चल रहे Defence Literature Festival का दूसरा दिन सामरिक स्वायत्तता के महत्व, रक्षा तकनीक की अहमियत, कम चर्चित नायकों की कहानियों और वीर नारियों के नाम रहा। इस अवसर पर पूर्व भारतीय राजनयिक और मनोहर पर्रिकर रक्षा अध्ययन एवं विश्लेषण संस्थान (आईडीएसए) के महानिदेशक सुजन आर. चिनॉय ने कहा कि आज भारत के पास सामरिक स्वायत्तता है। पहले ऐसा नहीं था। आज बहुपक्षीय मंचों पर हमारी मौजूदगी है, जो भारत के सामर्थ्य को प्रदर्शित करती है। भारत में निजी क्षेत्र भी तेजी से काम कर रहा है। दून डिफेंस ड्रीमर्स के सहयोग से आयोजित इस…

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देहरादून के दून विश्वविद्यालय में आयोजित Defence Literature Festival के पहले दिन सशस्त्र बलों के दिग्गजों ने राष्ट्रीय सुरक्षा, सीमांत गांवों की स्थिति, डेमोग्राफी में हो रहे बदलाव और सेना में आध्यात्म जैसे विषयों पर खुलकर अपनी बात रखी। पहले दिन हुए सत्रों के दौरान पूर्व सैन्य अधिकारियों के साथ-साथ कई अन्य लेखकों द्वारा सेना पर लिखी गई किताबों पर चर्चा की गई। पहले सत्र में मेजर (रिटा.) मानिक एम जौली ने अपनी किताब ‘कुपवाड़ा कोड्स’का जिक्र करते हुए कहा कि सैन्य ऑपरेशनों की कहानियां लोगों के बीच लाना जरूरी है क्योंकि उन्हें नहीं पता होता है कि किसी एक…

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…जो शख्स शिद्दत से अपने बीते समय को याद करता हो उसके पास न जाने कितने किस्से होंगे कहने-सुनाने के लिए…। अफसोस अब ये किस्से कोई नहीं सुना पाएगा। घनानंद गगोड़िया यानी घन्ना भाई (Ghanananda Ghanna) …अपने साथ ही उन तमाम किस्सों को ले गए, जो चाहकर भी किसी को सुना नहीं पाए। मुझे हमेशा ये लगता है कि जो शख्स चेहरे पर मुस्कान लिए दूसरों को हंसाता है, वह अपने अंदर दुख का समंदर छिपाए रखता है। यही रंगमंच है, यही अभिनय है। लैंसडान में रामलीला में बंदर, रावण के सेनापति और राक्षस के पात्र निभाने से शुरू हुआ…

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टिहरी के घनसाली के केमरियासौड़ गांव से निकलकर कामयाबी की कहानी लिखने वाले Dev Raturi के कामकाज और चीन में फिल्मी पर्दे पर आने को लेकर काफी कुछ बताया और दिखाया जा चुका है, लेकिन एक बहुत ही गरीब परिवार का लड़का किन हालातों से निकलकर कामयाबी के शिखर पर पहुंचा, इस संघर्ष को समझने के लिए हम देव के साथ उनके गांव पहुंचे। देहरादून से उनकी बचपन की यादों को साझा करते हुए हम पहले पड़ाव में टिहरी पहुंचे…। यहां देव अपनी टिहरी झील से जुड़ी कई बातें साझा कीं। टिहरी झील को निहारते हुए वह कहते हैं मेरे…

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जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (G. B. Pant University of Agriculture and Technology) के कुलपति डा. मनमोहन सिंह चौहान की अगुवाई में रूस की सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ वेटरनरी मेडिसिन के प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (रिटा.) से राजभवन में मुलाकात की। यूनिवर्सिटी के छात्र और फैकल्टी मेंबर 5 से 16 फरवरी तक जीबी पंत यूनिवर्सिटी के शैक्षणिक भ्रमण पर आए हैं। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह ने कहा, आज हम St. Petersburg State University of Veterinary Medicine, रूस और जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय…

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गुलाब की सुगंधित किस्मों में खास जगह रखने वाले डैमस्क गुलाब की परफ्यूमरी उद्योग में बहुत डिमांड है। इसका तेल बहुत महंगा है। प्राकृतिक तौर पर आर्गेनिक स्टेट Uttarakhand में होने वाले डैमस्क गुलाब से निकलने वाले रोज ऑयल और रोज वाटर का तो क्या ही कहने। उत्तराखंड की ठंडी जलवायु डैमस्क गुलाब के लिए बहुत उपयुक्त है। यही वजह है कि संगध पौधा केंद्र यानी कैप की मदद से पर्वतीय जिलों में बहुत से किसान इसकी खेती कर रहे हैं। यह भी पढ़ें : पहाड़ों पर नाच रहे मोर, फरवरी में अमरूद के पेड़ फलों से लदे मिसालें खोजने…

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देहरादून के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में 38th National Games का रंगारंग आगाज हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन खेलों का उद्घाटन किया। 14 फरवरी तक चलने वाले नेशनल गेम्स में देशभर के 11 हजार से अधिक खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। प्रदेश में कई जगह नेशनल गेम्स की प्रतिस्पर्धाएं आयोजित की जा रही हैं। पीएम मोदी ने युवाओं से स्टेडियम में मोबाइल की फ्लेश लाइट जलवाई और नेशनल गेम्स के शुभारंभ की घोषणा की। उन्होंने कहा, देवभूमि आज दिव्य हो उठी है। बदीनाथ, केदारनाथ और मां गंगा आशीर्वाद लेकर खिलाड़ी खेल रहे हैं। युवा राज्य में देश के…

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साल 2004 की बात है, मशहूर म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज के लिए एक लड़का अपना एलबम रिकॉर्ड करता है। इससे पहले भी उसके कुछ ऑडियो एलबम रिकॉर्ड हो चुके थे। इससे समझा जा सकता है कि कितनी कम उम्र से गीत गाना शुरू कर दिया होगा। एलबम रिलीज होते ही जबरदस्त हिट हुआ और उत्तराखंडी संगीत जगत को एक नया स्टार मिल गया। इस बात को 20 साल हो गए है, उम्र आज भी ज्यादा नहीं है, लेकिन अनुभव दो दशक का हो गया है। स्टारडम जस का तस है। लगातार हिट गीत आते जा रहे हैं। हम बात कर रहे…

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लोग मुझे अनिल बिष्ट के नाम से जानते हैं, मगर मेरा असली नाम यानी सरकारी दस्तावेजों में दर्ज नाम… अनिरुद्ध सिंह विष्ट है। पौड़ी गढ़वाल का रहने वाला हूं। मैं इस समय भातखंडे हिंदुस्तानी संगीत महाविद्यालय पौड़ी में प्रधानाचार्य हूं। मेरठ में संगीत से विशारद किया है। बचपन से ही में टेक्नीकल माइंड था। घर पर रेडियो, टीवी, टेप रिकॉर्डर खराब होता तो मैं ही बनाता था। मैंने इलेक्ट्रिक में डिप्लोमा किया है। मेरठ में अपट्रान कंपनी में काम भी किया था। सुबह से शाम तक नौकरी करता। शाम को साहनी कोचिंग में संगीत सीखता। कला की दुनिया में…

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Digital Arrest को पूरी तरह समझने से पहले इन तीनों केसों को पढ़िए… केस -एक 31 जुलाई 2024 डालनवाला क्षेत्र स्थिति मॉडल कॉलोनी के एक घर में एक महिला के मोबाइल पर एक फोन आया। दोपहर का समय था। फोन करने वाले ने महिला से कहा-आपने एक कुरियर थाईलैंड के लिए बुक कराया है। इसमें कुछ गड़बड़ी है। इसलिए रोक दिया गया है। चूंकि, महिला ने कुछ दिनों पहले एक कुरियर बुक कराया था। इसलिए वह फोन करने वालों की बातों में आई। उसने कहा, बहुत गड़बड़ है, इसमें गैरकानूनी चीजें हैं। इस मामले में आपको जेल हो सकती है।…

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Bus Accident: कल सुबह 9.00 बजे की बात है, मैं काशीपुर से देहरादून लौट रहा था, हरिद्वार से कुछ आगे ही पहुंचा था…छोटे भाई आशू (ललित) का फोन आया भैय्या हमारे गांव से आ रही बस (Bus Accident) कूपी-सारड़ बैंड से नीचे गिर गई है। दीपू (भतीजा जगदीप) भी उस बस में था, हमारे गांव सिरखेत-बिरखेत के कई और लोग बस में थे। बस इतनी ही सूचना के बाद मन कई आशंकाओं से घिर गया। कूपी-सारड़ बैंड हमेशा डराता है। तुरंत जितने लोगों के नंबर फोन में थे, मिलाने शुरू किए। सभी ने एक ही बात कही, अभी कुछ नहीं…

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देवों की भूमि उत्तराखंड…। यहां बड़े गर्व के साथ कहा जाता है कि देवभूमि के कण-कण में ईश्वर का वास है। इसी देवभूमि में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में तेजी आती जा रही है। हाल के दिनों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जब इस पावन भूमि पर महिलाओं के खिलाफ अपराध के आंकड़ों को बताते NCRB DATA पर नजर दौड़ाते हैं, तो मन विचलित हो जाता है। अपराध की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां पर हर 2.01 घंटे में महिला अपराध से जुड़ी एक एफआईआर दर्ज…

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एक खुला खत… मेरे पहाड़वालों, बेटी वालों…. आज जरा दिल पर हाथ रखकर पढ़िये….। अंकिता भंडारी पहाड़ की वो बदनसीब बेटी थी, जिसने एक सपना देखा था। शहर जाने का, नौकरी करने का…अपने गरीब मां-बाप का घर-खर्च में हाथ बटाने का। लेकिन, उस सपने की मौत हो गई…इसी देवभूमि में…। अंकिता की मौत महज एक युवा लड़की की मौत नहीं है, ऐसे कई सपनों की मौत है जो पहाड़ की लड़कियां देखती हैं। उन्हें यह उम्मीद होती है कि वह पढ़ाई पूरी करने के बाद शहरों में जाएंगी, वहां नौकरी करेंगी। अपना भविष्य बनाएंगी। लेकिन जब इस तरह की घटनाएं…

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Caste Census : लोकसभा चुनाव 2024 के बाद देश की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है। पिछले दस वर्षों में पहली बार विपक्ष दिख रहा है। दिख ही नहीं रहा बल्कि फ्रंट फुट पर खेल भी रहा है। इसका सबसे अहम कारण जाति गणना और आरक्षण है। फिलहाल भाजपा के पास इसकी काट नहीं नजर आ रही है। इस बीच  जाति गणना और आरक्षण पर आरएसएस यानी स्वयंसेवक संघ के बदले रुख को सबसे बड़े घटनाक्रम के रूप में देखा जा रहा है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि यह संवदेनशील मामला है। इसका इस्तेमाल…

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