पिछले कुछ वर्षों से Uttarakhand में कई क्षेत्रों में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। इसके परिणाम जमीन पर दिखने भी लगे हैं। कई योजनाओं के क्रियान्वयन में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश नंबर वन है। इसी कड़ी में बृहस्पतिवार को विश्व मत्स्य पालन दिवस पर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखंड को अभिनव प्रयोगों के लिए राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड हैदराबाद की ओर से हिमायली और उत्तर पूर्व के राज्यों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार प्रदान किया गया है।
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ये बात काफी दिनों से कही जा रही थी कि मछली पालन के लिए अपने राज्य में परिस्थितियां काफी अनुकूल हैं। कोरोना काल के बाद जब लोगों का शहरों से मोहभंग हुआ तो कई युवा इस क्षेत्र में काम करने के लिए आगे आए। विभाग की ओर से भी इनकी खूब मदद की गई। इसी का परिणाम है कि आज उत्तराखंड को ये खिताब मिला है। तीरंदाज लाइव की टीम ने एक साल पहले डोईवाला में फिश फॉर्मिंग से लाखों कमाने वाले ललित बिष्ट की स्टोरी दिखाई थी। वह न सिर्फ खुद को स्थापित किया बल्कि कई लोगों को रोजगार भी दिया।
उत्तराखंड मत्स्य पालन विभाग ट्राउट फार्मिंग के लिए राज्य में 1400 से अधिक ट्राउट रेसवेज का निर्माण कर चुका है। साथ ही मत्स्य संपदा योजना के तहत उधमसिंहनगर में राज्य स्तरीय एक्वापार्क और एक होल सेल मार्केट का भी निर्माण किया जा चुका है। यही नहीं विभाग ने स्थानीय मत्स्य पालकों के समूहों और आईटीबीपी के बीच भी मछली आपूर्ति के लिए अनुबंध किया है। इन सब प्रयोग से उत्तराखंड में मछली पालकों की आय बढ़ने की उम्मीद है। इन्हीं प्रयोगों की वजह से हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड अव्वल आया है।
समारोह में केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन, डेयरी, पंचायतीराज राज्यमंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह ने उत्तराखंड के सचिव पशुपालन, मत्स्य विभाग डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम को यह पुरस्कार सौंपा गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुरस्कार पर विभाग ओर मत्स्य पालकों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर कई प्रयास कर रही है। इसके परिणाम अब नजर आने लगे हैं।