उत्तराखंड को भावनात्मक तौर पर झकझोर देने वाले Ankita Bhandari हत्याकांड में दो साल आठ महीने बाद फैसला आ गया है। कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने शुक्रवार को इस मामले में अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कोर्ट ने तीनों आरोपियों पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया है। IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य नष्ट करना), 120 बी (षडयंत्र), 354 ए और अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही तीनों पर 50-50 हजार का आर्थिक जुर्माना भी लगाया गया है। इनमें रिसार्ट स्वामी पुलकित आर्य, प्रबंधक सौरभ भाष्कर व सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता उर्फ पुलकित शामिल हैं। वहीं सरकार द्वारा पीड़िता के स्वजन को चार लाख का प्रतिकर दिया जाएगा। इस मामले में 500 पेज की चार्जशीट दाखिल की गई और 97 गवाह पेश किए गए।
अदालत के फैसले पर पूरे उत्तराखंड और देश के लोगों की निगाहें टिकी थीं। कोटद्वार में इसके लिए पुलिस प्रशासन की ओर से व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए गए है। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से पुलिस फोर्स कोटद्वार बुलाई गई है। अदालत परिसर के बाहर की सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। फैसला आने से ऐन पहले भीड़ ने पुलिस प्रशासन द्वारा की गई बैरिकेडिंग को तोड़कर न्यायालय की ओर बढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने किसी तरह लोगों को परिसर में प्रवेश से रोका। बतादें कि अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर प्रदेश में काफी आक्रोश है।
बीती 19 मई को अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी की ओर से बचाव पक्ष की बहस का जवाब देकर सुनवाई का सिलसिला समाप्त किया गया था। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस व दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तिथि निर्धारित की थी। कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में 30 जनवरी, 2023 को मामले की पहली सुनवाई शुरू हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 500 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया गया।
18 सितंबर को क्या हुआ था?
#WATCH | Kotdwar, Uttarakhand | Mother of Ankita Bhandari, Soni Devi, breaks down while remembering her daughter.
On Kotdwar court to pronounce its verdict today in the Ankita Bhandari murder case, her mother Soni Devi says, “…May the criminals be sentenced to death…I appeal… pic.twitter.com/rOxVZAMvhm
— ANI (@ANI) May 30, 2025
19 सितंबर को ही पुलकित आर्य अंकिता भंडारी की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखा चुका था लेकिन अंकिता के पिता को इस पर यकीन नहीं हुआ। उन्होंने जिलाधिकारी से गुहार लगाकर मामले की छानबीन के लिए पुलिस का सहारा लिया। उनके प्रयासों से 22 सितंबर को अंकिता का मामला राजस्व पुलिस से लक्ष्मणझूला थाने ट्रांसफर हुआ। पुलिस रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ करती है तो पता चलता है कि 18 सितंबर की शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर के साथ रिजॉर्ट से कहीं बाहर गई थी। इसके बाद करीब साढ़े दस बजे ये तीनों तो रिजॉर्ट में लौटे मगर अंकिता नजर नहीं आई। अंकिता क्यों नजर नहीं आई? इसका जवाब आरोपियों ने बाद में पुलिस को दिए बयान में दिया था। 23 सितंबर को रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लेती है। पुलिस को आरोपियों ने बताया कि घटना वाले दिन दो अलग-अलग गाड़ियों से वे चारों चीला बैराज के पास गए। जहां इन तीनों ने पहले शराब पी और फिर नहर किनारे आकर रुक गए। यहां पर पुलकित और अंकिता के बीच फिर बहस हुई और पुलकित ने अंकिता का फोन नहर में फेंक दिया। अंकिता ने भी जवाब में पुलकित का फोन फेंक दिया। दोनों के बीच हाथापाई होने लगी और गुस्से में पुलकित ने अंकिता को धक्का देकर उसकी हत्या कर दी। इस तरह पुलिस ने 23 सितंबर को तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों की निशानदेही पर 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव चीला नहर से बरामद किया गया। इस केस में भाजपा से निष्कासित विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य पर रेप और हत्या के आरोप लगे। इस केस में पुलकित की मदद का आरोप सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर लगा। अंकिता भंडारी के गायब होने की खबरें आने के बाद से ही लगातार इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई थी। अंकिता का शव मिलने के बाद पूरे उत्तराखंड में जैसे गुस्से की आग फैल गई। मामले में हंगामा बढ़ता देख 24 सितंबर को ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी। पुलिस उपमहानिरीक्षक पी. रेणुका देवी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया जिसने जांच करके तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। 20 दिसंबर, 2022 को एसआईटी ने 500 पेज की चार्जशीट दाखिल की। इसमें 100 गवाहों को शामिल किया गया। जांच में सामने आया कि अंकिता ने स्पेशल सर्विस देने से मना किया तो पुलकित आर्य उसका यौन शोषण करने लगा। रिजॉर्ट के कमरा नंबर 106 में मैनेजर सौरभ भास्कर ने भी कई बार दुष्कर्म करने का प्रयास किया था।