Iran-Israel जंग में अमेरिका की इंट्री हो गई है। रविवार भोर उसने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर बम बरसाए। बी-2 बॉम्बर्स का इस्तेमाल से उसे बड़ा नुकसान पहुंचाया है। इसके बाद दुनिया भर में चिंता की लहर दौड़ गई। ट्रंप ने कहा कि ईरान के पास अब भी समय है कि वह बातचीत की मेज पर लौटे। लेकिन, विश्लेषकों का कहना है कि आने वाले समय में और ताबाही देखने को मिल सकती है। हमले के बाद ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि इसका असर लंबे समय तक दिखेगा। माना जा रहा है कि ईरान जवाबी कार्रवाई जरूर करेगा। अमेरिका ने ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट पर हमला किया है। 13 जून की सुबह से ही इजरायली सेना ईरान के कई परमाणु ठिकानों पर हमले कर रही है। लेकिन ईरान के सबसे सुरक्षित न्यूक्लियर प्लांट फोर्डो को इजरायली सेना छू भी नहीं पाई थी।
ईरान ने फोर्डो प्लांट को मानों एक अभेद किला में तब्दील कर रखा था। इस प्लांट को तबाह करना का मतलब था कि किसी पहाड़ को हिला कर रख देना, जो अमेरिका ने कर दिखाया है। दरअसल, ईरान ने इस संयंत्र को एक पहाड़ के नीचे और जमीन में करीब 300 फीट गहराई में बनाया है। खास बात ये थी कि इस संयंत्र को खास तौर पर डिजाइन ही हवाई हमले से बचने के लिए किया गया था। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों को निशाना बनाकर चलाए गए सैन्य अभियान को लेकर रात 10 बजे (स्थानीय समानुसार) (सुबह 7:30 बजे भारतीय समयानुसार) राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ईरान पर बड़ा हमला किया है। ऐसा कोई दूसरी सेना कर नहीं सकती। मैंने बहुत कोशिश की कि ऐसा कदम न उठाना पड़े, लेकिन हमारे पास कोई विकल्प ही नहीं बचा था। अब ईरान को शांति के रास्ते पर लौटना चाहिए।
ईरान-इस्राइल संघर्ष के बीच अमेरिका की ओर से ईरान की तीन परमाणु सुविधाओं पर हमला करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि ईरान के पास अब भी समय है कि वह शांति के रास्ते पर लौटे। उसे यह जंग खत्म करनी होगी। अगर ईरान ने अब भी हमला किया तो हम भी हमला करेंगे। शांति नहीं हुई तो विनाश होगा। अभी सभी लक्ष्यों पर हमले नहीं किए गए हैं। हम पश्चिम एशिया में दादागिरी दिखाने वाले ईरान की परमाणु सुविधाओं को पूरी तरह से नष्ट कर देंगे। ट्रंप ने कहा, ‘यह जारी नहीं रह सकता। या तो शांति होगी या ईरान के लिए आफत होगी, जो पिछले आठ दिनों में हमारी ओर से देखी गई घटनाओं से कहीं अधिक गंभीर है। याद रखें, अभी कई लक्ष्य बचे हुए हैं। आज की रात उन सभी में सबसे कठिन थी और शायद सबसे घातक भी। अगर शांति जल्दी नहीं आती है तो हम सटीकता, गति और कौशल के साथ उन अन्य लक्ष्यों पर हमला करेंगे। उनमें से अधिकांश को कुछ ही मिनटों में नष्ट किया जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने जताई चिंता
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस अराजकता से बचने और शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा-मैं आज ईरान के खिलाफ अमेरिका की ओर से की गई सैन्य कार्रवाई को लेकर बहुत चिंतित हूं। यह कदम उस इलाके में तनाव और बढ़ा सकता है, जो पहले ही काफी नाजुक हालात में है और ये अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है।
इस बात की आशंका बढ़ रही है कि यह संघर्ष तेजी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है। जिससे आम नागरिकों, पूरे क्षेत्र और दुनिया को भारी नुकसान हो सकता है। गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से हालात को और बिगड़ने से रोकने और यूएन चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने की अपील की है। उन्होंने आगे लिखा, इस संकट का कोई सैन्य समाधान नहीं है। कूटनीति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है और शांति एकमात्र उम्मीद है।
विकिरण के कोई संकेत नहीं
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने घोषणा की कि उसके प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद रेडियोधर्मी विकिरण के कोई संकेत नहीं मिले हैं। संगठन ने लोगों को आश्वस्त किया कि सुरक्षा आकलनों से पता चला है कि लक्षित स्थलों पर कोई विकिरण रिसाव नहीं हुआ है। इसने इस बात पर भी जोर दिया कि हमलों के बावजूद देश का परमाणु कार्यक्रम रोका नहीं जाएगा।ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन ने घोषणा की कि उसके प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद रेडियोधर्मी विकिरण के कोई संकेत नहीं मिले हैं।संगठन ने लोगों को आश्वस्त किया कि सुरक्षा आकलनों से पता चला है कि लक्षित स्थलों पर कोई विकिरण रिसाव नहीं हुआ है। इसने इस बात पर भी जोर दिया कि हमलों के बावजूद देश का परमाणु कार्यक्रम रोका नहीं जाएगा।
जानिए बी-2 स्टील्थ बॉम्बर के बारे में
बी-2 स्टील्थ बॉम्बर अमेरिकी वायुसेना का खास हथियार है। इसमें दुश्मन के एयर डिफेंस को भेदने की अद्भुत क्षमता है। इसे नॉर्थरोप ग्रूमन नामक कंपनी ने बनाया है। बी-2 स्टील्थ बॉम्बर विमान की खासियत ये है कि इसे आसानी से ट्रैक नहीं किया जा सकता। साथ ही यह बेहद उंचाई पर उड़ान भर सकता है। जिससे एयर डिफेंस के लिए भी इसे भेद पाना बेहद मुश्किल है। बी-2 स्टील्थ बॉम्बर पूरी सटीकता से दुश्मन ठिकानों पर हमला कर सकता है। इस अत्याधुनिक इंजीनियरिंग तकनीक से डिजाइन किया गया है, जिससे पारंपरिक रडार सिस्टम इसे नहीं पकड़ सकता। अपनी खास बनावट और फ्लाइंग विंग डिजाइन और बेहद कम इंफ्रारेड के चलते यह सिर्फ 0.001 वर्ग मीटर का रडार क्रॉस सेक्शन बनाता है, जो एक छोटी चिड़िया के बराबर होता है। यही वजह है कि जब दुश्मन के इलाके में घुसकर उसके ठिकानों पर पूरी सटीकता से हमला करना हो तो उस स्थिति में बी-2 स्टील्थ बॉम्बर का कोई मुकाबला नहीं है। यह 6 हजार नॉटिकल मील की गति से उड़ान भर सकता है। यह भारी भरकम हथियारों को ले जाने में सक्षम है। ईरान के परमाणु ठिकानों पर इस्राइल ने हमले किए थे, लेकिन ईरान के परमाणु ठिकाने भूमिगत हैं, जिससे इस्राइली हमलों में उन्हें खास नुकसान नहीं हुआ। इस्राइल के पास ऐसे हथियार नहीं हैं, जो भूमिगत ढांचे को तबाह कर सकें। ऐसे में अमेरिका की एंट्री हुई और अमेरिका ने अपने सबसे खास हथियारों में से एक बी-2 स्टील्थ बॉम्बर से 30,000 पाउंड के मैसिव ओर्डिनेंस पेनिट्रेटर या बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया, जो जमीन के भीतर भी भारी तबाही मचाने की ताकत रखते हैं।
क्या हैं बंकर बस्टर बम
बंकर बस्टर बेहद ताकतवर विस्फोटक हैं, जो जमीन के काफी अंदर तक मार कर सकते हैं। आम तौर पर इन्हें बंकरों को तबाह करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जीपीएस गाइडेड इन बमों को बेहद सुरक्षित माने जाने वाले ठिकानों को निशाना बनाया जाता है।