श्रीनगर के रेनबो पब्लिक स्कूल के छात्र अमन सेमल्टी Aman Semalty का चयन स्पेन के बार्सिलोना के इसादे बिजनेस स्कूल के लिए हुआ है। इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय ने अमन को 1 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप दी है। यह बिजनेस स्कूल QS वर्ल्ड रैंकिंग में बिजनेस और मैनेजमेंट के क्षेत्र में 21वें स्थान पर है।
कई विदेशी यूनिवर्सिटी से एडमिशन के प्रपोजल
Aman Semalty का चयन सिर्फ इसादे तक सीमित नहीं है। उन्होंने इटली की प्रतिष्ठित बोकोनी यूनिवर्सिटी के बीआईईएम (बैचलर ऑफ इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स एंड मैनेजमेंट) प्रोग्राम में भी प्रवेश प्राप्त किया है, जो QS वर्ल्ड रैंकिंग में 9वें स्थान पर है। इसके साथ ही, उन्हें अमेरिका की स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क एट बफेलो और यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू ऑरलियन्स से भी एडमिशन के प्रस्ताव मिले हैं।
अमन की यह सफलता उनके शैक्षिक सफर और उनके सामाजिक कार्यों के संयोजन का परिणाम है। कक्षा 9 से ही अमन ने अपनी अकादमिक और गैर-अकादमिक प्रोफाइल पर जोर दिया और कई महत्वपूर्ण इंटर्नशिप और प्रोजेक्ट्स में भाग लिया। उन्होंने आईआईटी रुड़की में शोध इंटर्नशिप की। जहां उन्होंने उभरते हुए तकनीकी और आर्थिक विषयों पर गहन शोध किया। इसके अलावा, स्पेशल साइंस फेलोशिप (SSF) के तहत उन्होंने विभिन्न सामुदायिक और पर्यावरणीय परियोजनाओं का नेतृत्व किया। इनमें से एक प्रमुख पहल थी ई-वेस्ट प्रबंधन, जहां उन्होंने स्थानीय स्कूलों में ई-वेस्ट संग्रहण ड्राइव्स आयोजित कीं और लोगों को सही तरीके से ई-वेस्ट के निपटान के बारे में जागरूक किया। उनका यह प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण में मददगार रहा, बल्कि उनके समाज के प्रति संवेदनशीलता को भी प्रदर्शित करता है।
एक डिजाइन पेटेंट भी अमन के नाम
अमन ने अपनी रचनात्मकता का भी परिचय दिया और अपने अनुसंधान से विकसित एक टूथब्रश सैनिटाइजिंग डिवाइस के लिए हाल ही में डिज़ाइन पेटेंट भी प्राप्त किया।
अमन का योगदान सिर्फ सामुदायिक कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्होंने अपनी अकादमिक उत्कृष्टता का भी प्रदर्शन किया है। वह आईआईएम बैंगलोर में आयोजित भारत रणनीतिक सम्मेलन (India Strategic Conference) में अपना रिसर्च पेपर प्रस्तुत कर चुके हैं।
साल 2023 में अमन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्टूडेंट्स के साथ होने वाली चर्चा के प्रसिद्ध कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ में भी शामिल हुए थे।
जब अमन 11वीं कक्षा में पढ़ते थे, तब भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय ने स्वच्छ भारत एवं वेस्ट टू वेल्थ अभियान के तहत अमन का चयन स्वच्छता सारथी के तौर पर किया था। वह उत्तराखंड के चुने गए एकमात्र छात्र थे। उन्होंने चौरास क्षेत्र के सभी सैलूनों में खुद के बनाए ब्लेड बिंस वितरित किए, ताकि लोग खुले में ब्लेड को ना डालें।
इसके अलावा, उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए एक Memoir भी लिखा है, जिसमें उन्होंने अपनी यात्रा, कठिनाइयों, और संघर्षों को अत्यंत प्रेरणादायक तरीके से प्रस्तुत किया है।
अमन सेमल्टी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुओं, प्रधानाचार्य डॉ. रेखा उनियाल और अपने मेंटर प्रोफेसर रजत अग्रवाल (आईआईटी रुड़की) को दिया है। उन्होंने कहा, डॉ. रेखा उनियाल और प्रोफेसर राजत अग्रवाल ने उनके शैक्षिक और व्यक्तिगत विकास में अहम भूमिका निभाई है। अमन के पिता डा. अजय सेमल्टी एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं।