देहरादून के नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी के कथित सुसाइड (Dehradun Builder Suicide Case) मामले में कुछ लोगों द्वारा नाम घसीटे जाने पर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने तल्ख तेवर दिखाए हैं। उन्होंने कहा है कि इस मामले की सिटिंग जज से जांच होनी चाहिए, ताकि किसी को भी जांच पर कोई संदेह नहीं हो।
उन्होंने कहा, मैं पूर्व सीएम होने के नाते, राज्य का एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते कह सकता हूं कि जब हमारा नाम उसमें घसीटने की कोशिश की गई है, चाहे वह इंटेंशनली (जानबूझकर) या करवाई गई है, तो मैं चाहूंगा कि इस मामले को हाईकोर्ट के किसी एक्टिव जज को दे देना चाहिए। अगर सीबीआई को जांच दी जाती है और सच्चाई कुछ लोगों के अनुकूल नहीं आती है तो वो कहेंगे कि सीबीआई तो केंद्र के अधीन आती है। राज्य पुलिस करती है तो कहेंगे कि सरकार के अधीन आती है, ऐसे तमाम सवाल उठते रहेंगे, इस पर अगर जांच किसी हाई कोर्ट के सिटिंग जज के अधीन हो जाए तो मैं समझता हूं कि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
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बिल्डर सतेंद्र साहनी के कथित सुसाइड मामले में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह ने क्यों कहा, सिटिंग जज से जांच कराओ। आखिर किसके इशारे पर इस प्रकरण में पूर्व सीएम का नाम लिया गया। क्या उत्तराखंड भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा? @BJP4UK pic.twitter.com/iJ0g3cwBZc
— Arjun Rawat (@teerandajarjun) June 1, 2024
उन्होंने कहा, तमाम तरह की चर्चाएं लोगों के बीच हो रही है और इस मामले को लेकर आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं, यह हमारे लिए शर्मनाक है। चिंता का विषय है, इसलिए इसकी एक तटस्थ जांच होनी चाहिए, जिस पर सबका विश्वास हो।
देहरादून के नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी ने आठवीं मंजिल से कूदकर जान दे दी थी। सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने सहारनपुर के चर्चित गुप्ता बंधुओं में एक भाई अजय कुमार गुप्ता और उनके बहनोई अनिल कुमार गुप्ता को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया था, जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस बड़े बयान के कई मायने हैं, बड़ा सवाल ये है कि आखिर किसके इशारे पर इस प्रकरण में पूर्व सीएम का नाम लिया गया। क्या उत्तराखंड भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा? आने वाले दिनों में साहनी सुसाइड मामले की दिशा से ही स्थिति साफ होगी।