लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मतदान होते ही बिजली विभाग ने उत्तराखंड के लोगों को जोर का झटका दिया है। प्रदेश में बिजली महंगी हो गई। नियामक आयोग ने बिजली दरों में करीब सात फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। आयोग के कार्यकारी अध्यक्ष एमएल प्रसाद ने बताया कि ऊर्जा निगम (यूपीसीएल) की ओर से वार्षिक आय-व्यय के आधार पर वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राजस्व आवश्यकता 12,562.27 करोड़ बताई थी। साथ ही टैरिफ में 27.06 प्रतिशत वृद्धि की मांग की थी। इसका परीक्षण के बाद वार्षिक विद्युत टैरिफ में 6.92 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी की गई है। इसमें साढ़े चार लाख बीपीएल और हिमाच्छादित उपभोक्ताओं के लिए दरों व फिक्स चार्ज में कोई बदलाव नहीं किया गया है। नई दरें एक अप्रैल से प्रभावी मानी जाएंगी।
घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर 25 पैसे, 101 से 200 यूनिट पर 30 पैसा, 201 से 400 यूनिट तक 40 पैसा प्रति यूनिट की वृदि्ध की गई है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष ने बताया कि सोलर वाटर हीटर में छूट 75 रुपये प्रति 50 लीटर रखी गई है।
इस बढ़ोतरी से प्रदेश के 27 लाख से अधिक उपभोक्ताओं में से 22 लाख उपभोक्ताओं की जेब ढीली होगी। घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट 49 पैसे और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को 69 पैसे प्रति यूनिट ज्यादा देने होंगे। घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं जिनका लोड चार किलोवाट तक के लिए फिक्स चार्ज में 15 रुपये प्रति किलोवाट चार किलोवाट से अधिक वालों के लिए 20 रुपये प्रति किलोवाट बढ़ा है।
टैरिफ में श्रेणीवार की गई औसत वृद्धि
श्रेणी पिछला टैरिफ नया टैरिफ वृद्धि
घरेलू 5.33 5.82 0.49
अघरेलू 7.74 8.43 0.69
गवर्नमेंट
पब्लिक
यूटिलिटी 7.70 8.36 0.66
निजी नलकूप 2.37 2.64 0.27
एलटी इंडस्ट्री 7.20 7.84 0.64
एचटी इंडस्ट्री 7.26 7.90 0.64
मिश्रित भार 6.95 7.47 0.52
रेलवे 6.89 7.43 0.54
ईवी
चार्जिंग
स्टेशन 6.25 7.00 0.75
(टैरिफ दरें प्रति यूनिट)
पिछले दो वर्षों में 16 फीसदी तक बढ़ चुके हैं दाम
प्रदेश में तकरीबन हर वर्ष बिजली की कीमतों में वृदि्ध की जा रही है। वर्ष 2022-23 की तुलना में वर्ष 2023-24 के लिए बिजली के दाम कुल 9.64 प्रतिशत बढ़े थे, जबकि इस बार करीब सात प्रतिशत वृद्धि हुई है। इस हिसाब से पिछले दो सालों में बिजली करीब 16 प्रतिशत से ज्यादा महंगी हो गई है। फिक्स चार्ज में भी वृद्धि हो रही है।
महंगी बिजली पर अघोषित कटौती से राहत नहीं
लोगों का कहना है कि बिजली की दरें हर वर्ष बढ़ जा रही हैं। लेकिन, अघोषित कटौती से निजात नहीं मिल रही है। देहरादून में भी लोकल फॉल्ट के नाम पर कटौती की जा रही हैं। अन्य जिलों की स्थिति तो और भी खराब है।