भारत दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है, जिसने न किसी पर आक्रमण किया और न ही किसी का धर्म परिवर्तन कराया। न हमने किसी पर कब्जा करने की कोशिश की, न किसी का नरसंहार करने का प्रयास किया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डा. सुधांशु त्रिवेदी ने दून विश्वविद्यालय में आयोजित सीडीएस जनरल बिपिन रावत मेमोरियल लेक्चर (CDS General Bipin Rawat Memorial Lecture) के दौरान चीन के प्रख्यात विचारक हू शी का जिक्र करते हुए ये बात कहीं। उन्होंने कहा, शी पुस्तक में लिखा है कि भारत ने बिना कोई सैनिक भेजे चीन पर दो हजार साल तक सांस्कृतिक प्रभुत्व और नियंत्रण रखा। उन्होंने कहा, हम तो वो देश रहे हैं, जिसने कभी किसी का सिर कलम करने की बात नहीं की, इसके बावजूद हमारे आगे श्रद्धा से सिर झुके, भय से नहीं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षक सेना में भारतीय दल के खिलाफ मानवाधिकार के मामले न के बराबर होते हैं, क्योंकि हम उस परंपरा से आते हैं, जो युद्ध में भी मर्यादा का पालन करती है।
डा. त्रिवेदी ने त्रिवेदी ने भारत की ज्ञान परंपरा और युद्ध के बीच संबंध पर विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने सीडीएस जनरल रावत को याद करते हुए कहा कि संसद की रक्षा मामलों की स्थायी समिति का सदस्य होने के नाते जनरल रावत से मिलने का कई बार अवसर मिला। वह स्थायी समिति की हर बैठक में पूरी तरह तैयार होकर आते थे और एजेंडा से अलग पूछे गए सवालों पर भी विस्तार से जवाब देते थे।
डा. त्रिवेदी ने कहा कि सीडीएस के पद का गठन नरेंद्र मोदी सरकार के ऐतिहासिक निर्णयों में से एक था और जनरल रावत को इस फैसले में अग्रणी भूमिका निभाने का अवसर नियति ने दिया। आने वाले समय में बहुत से लोग सीडीएस का दायित्व निभाएंगे लेकिन जनरल रावत उन सबमें हमेशा अलग रहेंगे। जनरल रावत को एक महान योद्धा बताते हुए उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व को डोमिनेट करने के लिए नहीं बल्कि मोटिवेशन के लिए उभर रहा है। इस नए भारत को समझने की जरूरत है। भारतीय ज्ञान परंपरा का जिक्र करते हुए डा. त्रिवेदी ने कहा, वेदों और उपनिषदों का ज्ञान हजारों साल से केवल भारत के पास रहा है। आज दुनिया भी इसे मानने लगी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देवभूमि विकास संस्थान सामाजिक कार्यों को बढ़चढ़कर आयोजित कर रहा है। पर्यावरण संरक्षण, पानी बचाने, नदियों को स्वच्छ रखने और पुनर्जीवित करने तथा वृक्षारोपण करने का कार्य कर रहा है। नदियों को पुनर्जीवित करने का हमारा प्रयास है। यह संदेश देने के लिए है। महायोद्धा को श्रद्धाजंलि केवल वाणी से नहीं सामाजिक सेवा के जरिए भी की जानी चाहिए। उन्होंने युवाओं से कहा कि यह याद रखें कि वीरों की छाती पर राष्ट्र टिका हुआ है। हमारी संस्कृति टिकी हुई है।
इस अवसर पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत की याद में एक गीत भी रिलीज किया गया। इस गीत को वेद विलास उनियाल ने लिखा है। प्रख्खात लोक गायिका रेखा धस्माना उनियाल ने इस गीत को स्वरबद्ध किया है।
जनरल रावत की स्मृति में वीरभूमि फाउंडेशन की ओर से स्वैच्छिक रक्तदान शिविर भी आयोजित किया गया। इसमें 111 यूनिट रक्त संग्रह किया गया। इस मौके पर डोईवाला के विधायक बृजभूषण गैरोला, लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष मेजर जनरल आनंद सिंह रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा, विश्व संवाद केंद्र के प्रभारी विजय सिंह, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष डा. आरके जैन समेत कई यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर, स्टूडेंट्स और पूर्व सैन्यकर्मी मौजूद रहे।