15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से 79वां स्वतंत्रता दिवस पर दिए भाषण में PM Modi ने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाते हुए खुद को दुनिया का स्वयंभु बॉस बताने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, पाकिस्तान को सिंदूर का जख्म अब भी रह-रहकर सालता है। पाकिस्तान की नींद अभी भी उड़ी हुई है। पाकिस्तान में हुई तबाही इतनी बड़ी है कि रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं, नई-नई जानकारियां आ रही हैं। आगे भी अगर दुश्मनों ने ये कोशिश जारी रखी, तो हमारी सेना तय करेगी, सेना की शर्तों पर, सेना द्वारा निर्धारित समय पर, सेना द्वारा तय लक्ष्य को अब हम अमल में लाकर रहेंगे। अब मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने अपने सशस्त्र बलों को पूरी छूट दी, उन्हें रणनीति बनाने, लक्ष्य निर्धारित करने और समय तय करने की अनुमति दी। हमारे सुरक्षा बलों ने कई दशकों से न देखी गई एक मिसाल कायम की। उन्होंने दुश्मन के इलाके में सैकड़ों किलोमीटर अंदर तक घुसकर हमला किया और आतंकवादी ठिकानों को धूल में मिला दिया।
न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग…अब नहीं
पीएम मोदी ने कहा कि हमारा देश कई दशकों से आतंक को झेलता आया है। अब आतंक और आतंकी को पालने पोसने वालों को अब हम अलग – अलग नहीं मानेंगे। अब भारत ने तय कर लिया है कि न्यूक्लियर की धमकियों को अब हम सहने वाले नहीं है। न्यूक्लियर ब्लैकमेल लंबे अरसे से चला आया है। अब वो ब्लैकमेल नहीं सहा जाएगा। आगे भी दुश्मनों ने कोशिश जारी रखी हमारी सेना तय करेगी। सेना की शर्तों पर समय निर्धारित करे.. जो लक्ष्य तय करे। अब हम अमल में लाकर रहेंगे। मुहतोड़ जवाब देंगे.. भारत ने तय कर लिया है खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा।
सिंधु नदी समझौता हमें मंजूर नहीं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान के साथ हुआ सिंधु नदी का समझौता अन्यायपूर्ण है…यह एकतरफा है। भारत से निकलता पानी दुश्मनों के खेत को सींच रहा है और मेरे देश का किसान, मेरे देश की धरती पानी के बिना प्यासी है। ये ऐसा समझौता था जिसने पिछले सात दशक से किसानों का अकल्पनीय नुकसान किया है। अब हिंदुस्तान के हक का जो पानी है.. इस अधिकार हिंदुस्तान का है.. हिंदुस्तान के किसानों का है.. किसान हित में राष्ट्र हित में ये समझौता हमें मंजूर नहीं है।
आज मुझे लाल किले की प्राचीर से #OperationSindoor के वीर जाबांजो को सैल्यूट करने का अवसर मिला है। हमारे वीर सैनिकों ने दुश्मनों को उनकी कल्पना से परे सजा दी है।
22 अप्रैल 2025 को हुए हमले के बाद, हमने #भारतीय_सेना को रणनीति, उद्देश्य और समय तय करने की पूरी छूट दी। हमारी सेना ने… pic.twitter.com/b6sZt3lvvo
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) August 15, 2025
अमेरिका को दिखाया आईना..
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को आईना दिखाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अगर हम आत्मनिर्भर न हो पाते तो क्या ऑपरेशन सिंदूर इतनी त्वरित गति से कर पाते। कौन सप्लाई देगा, कौन नहीं नहीं देगा, इसकी चिंता बनी रहती। मेड इन इंडिया की कमान सेना के हाथ में थी। इसलिए यह सब संभव हो पाया। डिफेंस में आत्मनिर्भरता का मिशन लेकर चले हैं। इसके साथ ही यह हथियारों के क्षेत्र में भारत के आत्मनिर्भर होते जाने की दिशा में किए गए प्रयासों का प्रमाण है। ऑपरेशन सिंदूर में भारत में बने कई ड्रोन और हथियारों ने शानदार प्रदर्शन किया है। भारत हथियारों के लिए बहुत हद तक दूसरे देशों पर निर्भर था। हाल के सालों में भारत ने युद्ध की नई तकनीकों के विकास की दिशा में कई तरह के कदम उठाएं हैं। आने वाले सालों में हथियारों के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता कम होने की संभावना है। प्रधानमंत्री ने लाल किले के प्राचीर से एक तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नसीहत भी दी।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि वे किसानों और मछुआरों के हितों की रक्षा करेंगे। वे किसी भी गलत नीति से उन्हें बचाने के लिए दीवार बनकर खड़े रहेंगे। उन्होंने कहा, किसान, पशुपालक और मछुआरे हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता हैं। कोई भी नीति जो उनके हितों को खतरे में डालती है, मोदी उसके खिलाफ दीवार बनकर खड़ा है। भारत अपने किसानों के हितों की रक्षा करने के मामले में कभी समझौता नहीं करेगा।
अमेरिका से चल रही अनबन
ये बातें तब सामने आईं हैं, जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर कुछ अनबन चल रही है। दरअसल, अमेरिका से आने वाले कुछ कृषि और डेयरी उत्पादों को लेकर दोनों देशों में सहमति नहीं बन पाई। इस वजह से दोनों देशों के बीच व्यापार की बातचीत टूट गई। भारत और अमेरिका के बीच इस मुद्दे पर मतभेद हैं। सरकार का कहना है कि वह किसानों के हितों को सबसे ऊपर रखेगी, भले ही उसे किसी देश से व्यापार में नुकसान हो।
डॉलर पर भी साधा निशाना
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में अमेरिकी डॉलर को लेकर भी ट्रंप निशाना साधा। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के लिए आत्मसम्मान की सबसे बड़ी कसौटी आज भी उसकी आत्मनिर्भरता है। आत्मनिर्भर भारत विकसित भारत का आधार भी है। जो दूसरों पर ज्यादा निर्भर रहता है उसकी आजादी पर उतना ही बड़ा प्रश्नचिह्न लग जाता है।