दो मई, तड़के तीन बजे… दुधिया रोशनी से नहाए बाबा धाम की छटा श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर रही थी। इनके चेहरे के भावों, बाबा के दर्शन की बेकरारी को शब्दों में पिरोना मुमकिन नहीं है। गौरीकुंड से आने वाले रास्ते में एक अजीब चेतना का संचार हो उठा था। लंबे फलांग भरते पग, बाबा का नाम बुदबुदाते होंठ, चमकती आंखें… भक्तों की बेसब्री को बयां कर रहीं थीं। बिना जयकारे के ही चहुंओर हर-हर शिव शंभू का उद्घोष हो रहा था। बाबा केदारनाथ धाम के परिसर में पहुंचते ही अधिकांश श्रद्धालुओं की आंखें भक्ति भाव से डबडबा उठीं। कदम ठिठक से गए। सुध-बुध खोकर अपलक मंदिर को निहारा जाना लगा। जब पीछे से कोई बगल होने के लिए कहता तो सामने वाला परिसर का कोई कोना ढूंढ़कर वहां खड़े होकर मंदिर को निहारते हुए मंत्रोच्चार करने लगता। जिसे जहां मौका मिलता वह अपना माथा पुण्य भूमि पर टिका देता। चूंकि, भीड़ थी इसलिए बहुत से लोग चाहकर भी माथा नहीं टेक पा रहे थे। यह सिलसिला परिसर भक्तों से भरने तक चला, यानी सुबह पांच बजे तक। तब तक पूरा परिसर तीर्थयात्रियों से भर गया था। तिल रखने की जगह भी नहीं बची थी। इसके एक घंटे बाद सुबह छह बजे रावल भीमाशंकर लिंग और मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने चांदी की प्रभा के साथ पूरब द्वार से मंदिर में प्रवेश किया। पूरे परिसर में जयकारे लगने लगे। बीकेटीसी के पदाधिकारी आगवानी के लिए खड़े थे। फिर शुरू हुई कपाट खोलने की प्रक्रिया।
मिथुन राशि और वृष लग्न पर सुबह सात बजे विधिविधान से कपाट खोल दिए गए। सेना की भक्तिमय धुनों और बाबा भोलेनाथ के जयकारों से केदारपुरी गूंज उठीं। गर्भगृह में मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने भगवान केदारनाथ को समाधि रूप से जागृत किया। इस प्रक्रिया में डेढ़ घंटे लगे। साढ़े आठ बजे से श्रद्धालु दर्शन करने लगे। यात्रा कंट्रोल रूम, रुद्रप्रयाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पहले दिन शाम 7 बजे तक कुल 30,154 श्रद्धालुओं ने केदारनाथ धाम में दर्शन किए। इनमें 19196 पुरुष, 10597 महिलाएं और 361 बच्चे शामिल थे। हालांकि इस दिन कोई भी विदेशी श्रद्धालु दर्ज नहीं हुआ।
इससे पहले Chardham Yatra-2025 का आगाज 30 अप्रैल को सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर गंगोत्री का कपाट खुलने के साथ ही हो गया। हर-हर गंगे, गंगा मैइया की जय के उद्घोष से पूरा वातावरण सुगंधित हो उठा। दूसरी ओर, 11:55 मिनट पर यमुनोत्री धाम के कपाट भी विधिविधान से खोले गए। वहीं, चार मई को सुबह छह बजे बदरीनाथ धाम के कपाट भी खोल दिए गए। इस तरह चारों धाम चार मई तक खुल चुके थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चारों धाम में पहले दिन मौजूद रहे। वह मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर पूजा कराकर देश की समृद्धि की कामना की।
उत्तराखंड चारधाम की यात्रा इस बार कई मायने में बेहद खास मानी जा रही है। अब तक 2023 में सबसे ज्यादा 56,18,497 तीर्थयात्रियों के आने का रिकॉर्ड है। इस बार अनुमान लगाया जा रहा है कि यह संख्या 60 लाख के पार हो सकती है। इसके कारण भी हैं, पीएम मोदी की हर्षिल यात्रा के कारण पूरी दुनिया का ध्यान उत्तराखंड की ओर गया है। वह प्रमोट शीतकालीन यात्रा को कर रहे थे। लेकिन, इसका असर चारधाम यात्रा पर जरूर दिखेगा। दूसरी ओर, सीएम धामी भी शीतकालीन यात्रा का पूरे देश में प्रमोशन किया। इस कारण माना जा रहा है कि चारधाम यात्रा को लेकर क्रेज बढ़ा है। यही कारण है कि इस बार अधिकारियों ने चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण का पोर्टल एक दिन पहले ही खोल दिया। रिस्पांस भी बढ़िया रहा।
गौरीकुंड से पैदल यात्रा पसंद कर रहे श्रद्धालु
मध्यप्रदेश के धार जिले के राजेश पाटीदार पहले कहीं दूसरी जगह जाने का प्लान बना रहे थे। लेकिन, बाबा का बुलावा था। इसलिए वह यही के लिए निकल पड़े। वह बताते हैं। गौरीकुंड पहुंचने के बाद वह पैदल ही चलकर बाबा धाम पहुंचे। लोगों ने कहा था घोड़े-खच्चर कर लेना। लेकिन, पता नहीं क्यों मुझे लगा पैदल ही चलना चाहिए। कोई थकान नहीं लगी। उनके साथ दस लोगों का ग्रुप है। वह चारों धाम का दर्शन करेंगे। वह बताते हैं, मैं देश के कई हिस्सों में घूमे हैं। लेकिन, यहां जैसी बात कहीं और नहीं है। शुभी पाटीदार दस लोगों के ग्रुप में शामिल हैं। वह कहती हैं-कई जगह चढ़ाई थी। लेकिन, हम लोगों में से किसी को थकान महसूस नहीं हुई। पहाड़ों पर चलने का अनुभव शानदार रहा। आने से पहले थोड़ा सोच रहा था कि कैसे इतना चलूंगा।
जम्मू-कश्मीर की अनीता कपूर कहती हैं, गंगोत्री धाम में पहले दिन ही दर्शन की। लोगों का श्रद्धाभाव देखकर अच्छा लगा। हमने देवप्रयाग का भी दर्शन किया। भागरथी-अलकनंदा का मिलन देखना अद्भुत लगा। नीरज सैनी, यूपी के अमरोहा के रहने वाले हैं। वह भी कहते हैं कि दर्शन बहुत अच्छे तरीके से हुआ। हमारा सफर अच्छा रहा। भोपाल से आने वाले युवा सचिन बताते हैं कि चारधाम के बारे में बचपन से सुनता रहा हूं। यहां आकर अच्छा लगा। अहमदाबाद के निमेश भी बाबा धाम में आकर निहाल दिखे।
22 लाख से ज्यादा रजिस्ट्रेशन
चारधाम यात्रा पर आने के लिए श्रद्धालुओं के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। 30 अप्रैल तक चारधाम की यात्रा के लिए 22 लाख 67 हजार 190 श्रद्धालु रजिस्ट्रेशन करवा चुके थे। यमुनोत्री धाम के लिए 3 लाख 71 हजार 556, गंगोत्री धाम के लिए 4 लाख 4 हजार 683,केदारनाथ धाम के लिए 7 लाख 64 हजार 38, बदरीनाथ धाम के लिए 6 लाख 84 हजार 955 श्रद्धालु और हेमकुंड साहिब के लिए 41 हजार 958 श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवाएं हैं।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे धामों में अब सिर्फ श्रद्धा ही नहीं, बल्कि सुरक्षा की भी गूंज सुनाई दे रही है। राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने इस बार यात्रा को पूरी तरह सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए कमर कस ली है। सुरक्षा के तहत जिलेवार CCTV कैमरों की तैनाती की गई है। देहरादून में 107, हरिद्वार में 85, टिहरी में 102, पौड़ी में 44, रुद्रप्रयाग में 115, चमोली में 79, उत्तरकाशी (गंगोत्री) में 20 और यमुनोत्री क्षेत्र में 15 कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, राज्यभर से 10 एडिशनल एसपी, 28 सीओ, 64 इंस्पेक्टर, 387 सब इंस्पेक्टर, 624 हेड कांस्टेबल, 791 कांस्टेबल, पीएसी की 31 सब टीमें, 1452 होमगार्ड यात्रा मार्गों पर तैनात किए गए हैं। इसके साथ ही 30 फायर ब्रिगेड यूनिट्स भी अलर्ट मोड में हैं। यात्रा के संवेदनशील होल्डिंग स्थलों पर 6 कंपनी पैरा मिलिट्री फोर्स भी लगाई गई है। पीआरडी (प्रांतीय रक्षक दल) के जवानों को भी अलग-अलग रूटों पर तैनात किया गया है। इसके अलावा ट्रैफिक कंट्रोल के लिए 3 प्लान तैयार किए गए हैं। साथ ही साइबर क्राइम से बचने के लिए साइबर सेल और एसटीएफ सक्रिय है। जिन्होंने अभी तक 30 से अधिक वेबसाइटों के खिलाफ कार्रवाई की है। यात्रा के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था के लिए A, B और C तीन स्तरीय प्लान तैयार किए गए हैं। ताकि यात्रा के दौरान ट्रैफिक व्यवस्था नियत्रित रहे।
जानिए, चारधाम यात्रा के पहले पड़ाव की तैयारियां
ऋषिकेश में तैयारियां हो चुकी हैं। ट्रांजिट कैंप में हमने 24 काउंटर खोले गए हैं। यहां पर ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है। इसके अलावा मोबाइल टीम भी लगाई गई है। जो होटलों में जाकर लोगों से बातकर उन्हें रजिस्ट्रेशन की जानकारी दे रही है। चारधाम यात्रा प्रबंधन एवं नियंत्रण संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मनमोहन सिंह ने बताया कि जिन लोगों को रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहे हैं या वह नहीं कर पा रहे हैं। उनके लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है। हरिद्वार, नयागांव में भी रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है। यहां आसपास ठहरने की व्यवस्था है। हमारे यहां बेहद कम चार्ज पर उपलब्ध है। जो यात्री पैसे नहीं दे सकते हैं उनके लिए बाहर टेंट की व्यवस्था की गई है। खाना भी मुफ्त में उपलब्ध कराया जा रहा है। यहां पर हेल्थ चेकअप की व्यवस्था है। ट्रांजिट कैंप से 300 से 400 गाड़ियां श्रद्धालुओं को लेकर निकल रही है। ट्रांजिट कैंप में तैनात डॉ. शशांक ने बताया कि यहां आने वाले सभी श्रद्धालुओं की हम जांच कर रहे हैं। जिनकी उम्र अधिक है, उनका विशेष चेकअप किया जा रहा है। साथ ही जिनकी बीपी बढ़ी हुई है। उन्हें दवाएं देने के साथ बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया जा रहा है।
किन बातों का रखें ध्यान
- हर साल लाखों श्रद्धालु चारधाम की यात्रा करते हैं, ऐसे में अगर आप पहले से गाड़ी, होटल और अन्य चीजों की प्लानिंग करेंगे तो यात्रा में आसानी होगी।
- इस यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। रजिस्ट्रेशन की सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम में उपलब्ध है।
- यात्रा मार्ग में कई जगह इसके लिए काउंटर बने होते हैं जैसे कि हरिद्वार, ऋषिकेश समेत अन्य स्थानों पर।
- रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट अपने साथ रखें
- यात्रा में जाने से पहले वैध पहचान पत्र ज़रूर रख लें
- अगर आप किसी तरह की दवाई ले रहे हों तो वो साथ रखें
- गर्म कपड़े अपने साथ रखें
- यात्रा के बारे में हर जरूरी जानकारी आपको उत्तराखंड टूरिज्म की वेबसाइट पर मिल जाएगी।
- अगर आप केदारनाथ धाम की यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर सर्विस का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको आईआरसीटीसी हेलीयात्रा से जाकर बुकिंग करनी होगी।
राज्य उत्सव है चारधाम यात्रा
चारधाम यात्रा केवल एक धार्मिक यात्रा ही नहीं है, यह पूरे भारत की सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक है। यह हमारे राज्य की आर्थिक प्रगति का भी प्रतीक है। यह राज्य उत्सव है। इससे हमारे होटल, ट्रैवल वाले होम स्टे वाले सभी को रोजगार मिलता है। स्थानीय उत्पाद खूब बिकते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चारधाम यात्रा मार्ग पर काफी काम हुआ है। इसवजह से यात्रा सुगम हो गई है। आने वाले कुछ समय में और भी काम पूरे होने वाले हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का काम होने के बाद यात्रा बेहद आसान हो जाएगी। चारधाम ऑलवेदर रोड का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। पिछले साल मौसम के कारण काफी दिनों तक चारधाम यात्रा बाधित रही। फिर भी यात्रियों की संख्या 50 लाख के लगभग रही। इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ेगी। उसी हिसाब से हमने अपनी तैयारियां भी की हैं। 2024 की यात्रा संपन्न होने के साथ ही हमने 2025 की यात्रा पर काम शुरू कर दिया था। राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा के सुव्यवस्थित और सफल संचालन के लिए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की हैं।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड