देशवासियों को भरोसा देता हूं। न्याय मिलकर रहेगा। आतंकियों को कठोरतम सजा मिलेगी। प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बातें Mann Ki Baat के 121वें एपिसोड में कहीं। कहा, देश निर्णायक लड़ाई में एकजुट है। दुनिया भी 140 करोड़ भारतीयों के साथ खड़ी है। पीएम मोदी ने न्याय मिलेगा, न्याय मिलकर रहेगा पर खासा जोर दिया। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की जवाबी कार्रवाई बड़ी होगी। चूंकि, बड़ा मामला है, सेना तैयारी कर रही है। पूरी तैयारी के साथ ही मैदान में उतरेगी। इसलिए पीएम ने बड़े विश्वास के साथ कहा, न्याय तो मिलकर रहेगा।
मन की बात पर सबकी नजर थी। क्योंकि पहलगाम हमले को लेकर पूरे देश में आक्रोश है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत ने पाकिस्तान को लेकर कई फैसले किए। जिसमें सिंधु नदी समझौते को निलंबित करना भी शामिल है। इसके अलावा भारतीय वायुसेना ने युद्धाभ्यास भी शुरू कर दिया है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई थी। भारत ने इसके बाद सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता रद कर दिया और पाकिस्तानियों का वीजा भी कैंसिल कर दिया।
पहलगाम में हमले के बाद मन की बात पर सबकी नजर थी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मन में गहरी पीड़ा है। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुई आतंकी वारदात ने देश के हर नागरिक को दुख पहुंचाया है। पीड़ित परिवारों के प्रति हर भारतीय के मन में गहरी संवेदना है। भले वो किसी भी राज्य का हो, वो कोई भी भाषा बोलता हो, लेकिन वो उन लोगों के दर्द को महसूस कर रहा है, जिन्होंने इस हमले में अपने परिजनों को खोया है। मुझे ऐहसास है, हर भारतीय का खून, आतंकी हमले की तस्वीरों को देखकर खौल रहा है।
उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुआ यह हमला, आतंक के सरपरस्तों की हताशा को दिखाता है, उनकी कायरता को दिखाता है। ऐसे समय में जब कश्मीर में शांति लौट रही थी, स्कूल-कॉलेजों में एक चहलपहल थी, निर्माण कार्यों में अभूतपूर्व गति आई थी, लोकतंत्र मजबूत हो रहा था, पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हो रही थी, लोगों की कमाई बढ़ रही थी, युवाओं के लिए नए अवसर तैयार हो रहे थे। देश के दुश्मनों को, जम्मू-कश्मीर के दुश्मनों को, ये रास नहीं आया।
महान वैज्ञानिक कस्तूरीरंगन को किया याद
इसके अलावा पीएम मोदी ने देश के महान वैज्ञानिक कस्तूरीरंगन पर भी चर्चा की। उनसे हुई मुलाकातों को याद किया। बताया-हम भारत के युवाओं की प्रतिभा, आधुनिक शिक्षा, अंतरिक्ष विज्ञान ऐसे विषयों पर काफी चर्चा करते थे। विज्ञान, शिक्षा और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाई देने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके नेतृत्व में ISRO को एक नई पहचान मिली। उन्होंने कहा कि डॉ. के. कस्तूरीरंगन जी ने देश की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तैयार करने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी। डॉ. कस्तूरीरंगन, 21वीं सदी की आधुनिक जरूरतों के मुताबिक दूरगामी शिक्षा का विचार लेकर आए थे। देश की निःस्वार्थ सेवा और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।
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