22 अप्रैल को नैनीताल हाईकोर्ट में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर होने वाली सुनवाई को लेकर मोदी सरकार बेहद गंभीर है। इसलिए धामी सरकार का पक्ष रखने के लिए सालिसीटर जनरल तुषार मेहता को भेज रही है। सरकार चाहती को किसी प्रकार की कोई चूक न हो। क्योंकि इस फैसले की गूंज पूरे देश में सुनाई देगी। बतादें कि याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के साथ ही रामचंद्रन और अन्य बहस करेंगे। हालांकि, यह तय नहीं है कि वह नैनीताल आएंगे या वर्चुअल बहस करेंगे।
उत्तराखंड में 27 जनवरी को लागू हुए समान नागरिक संहिता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर हाईकोर्ट एक साथ सुनवाई करेगी। धामी सरकार अपना जवाब दाखिल कर चुकी है। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने सालिसीटर जनरल के बहस में शामिल होने की पुष्टि की है। याचिका में इस कानून की कई प्रावधानों को चुनौती दी गई है।