21 फरवरी को उत्तराखंड विधानसभा में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल की पहाड़ियों को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला लगातार बढ़ता जा रहा है। अब उत्तराखंड के लोकगायक गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी ने भी इस टिप्पणी के विरोध में छह मार्च को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के रामलीला मैदान में बुलाई गई स्वाभिमान रैली का समर्थन किया है। उन्होंने एक वीडियो जारी कर लोगों से इस रैली में शामिल होने और अपने स्वाभिमान को बचाने के लिए आगे आने की अपील की है। उन्होंने कहा कि आक्रोशित पहाड़ी समाज स्वाभिमान रैली में प्रेमचंद्र अग्रवाल के इस्तीफे की मांग करेगा।
पृथक राज्य आंदोलन की लड़ाई के दौरान कई जनगीतों के साथ-साथ लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के गीत-उठा जागा उत्तराखंड्यू-सौं उठाणो बगत ऐगे, उत्तराखंड कू मान-सम्मान बचाणो बगत ऐगे… ने लोगों को अलग राज्य की लड़ाई के लिए प्रेरित करने का काम किया था । नेगी जी का ये जनगीत आज भी पहाड़ के सरोकारों के लिए आंदोलित करता है।
#नरेंद्र_सिंह_नेगी का ये आह्वान बहुत बड़ी बात है…। क्या आपने सुना? क्या ये मुद्दा पहाड़ के लोगों को घरों से निकाल पाएगा। #पहाड़_की_दहाड़ pic.twitter.com/6wMoX47ReR
— Arjun Rawat (@teerandajarjun) March 4, 2025
बतादें कि प्रेमचंद्र अग्रवाल की टिप्पणी भाजपा के गले की फांस बनती जा रही है। उत्तराखंड ही नहीं दिल्ली और मुंबई में भी उनकी टिप्पणी के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। कुछ दिन पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने नेताओं से अनर्गल बयानबाजी से बचने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने एकता का आह्वान किया करते हुए कहा था कि राज्य में रहने वाला हर व्यक्ति उत्तराखंडी है। सभी को राज्य के विकास के लिए मिलकर काम करना चाहिए। फिर भी, यह मुद्दा गरमाया हुआ है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के अलावा कई सामाजिक संगठन अग्रवाल का इस्तीफा मांग रहे हैं।
क्या है मामला
#बद्रीनाथ विधायक #लखपत_बुटोला बोले, पहाड़ पीड़ित है, पहाड़ पर जवाब दें…। हम सदन में इसलिए नहीं आए कि लोग हमें गाली दें…। #Uttarakhand #pahadkidahad #पहाड़_की_दहाड़ pic.twitter.com/QcUmpH72dK
— Arjun Rawat (@teerandajarjun) February 25, 2025
कुछ दिन पहले विपक्ष के साथ हुई नोकझोंक के बीच अपनी बात रखते हुए प्रेमचंद्र अग्रवाल ने पहाड़ के लोगों के लिए अपशब्द का प्रयोग किया। कांग्रेस के बद्रीनाथ से विधायक लखपत सिंह बुटोला ने कैबिनेट मंत्री के बयान का विरोध किया और सदन से बाहर आ गए। इसके बाद यह मुद्दा सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया।
क्या इस वीडियो में पहाड़ के लोगों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया है? सुनकर प्रतिक्रिया दें। pic.twitter.com/LPgfc5cjLG
— Arjun Rawat (@teerandajarjun) February 21, 2025
विरोध बढ़ता देख कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को पार्टी ने संयम बरतने की नसीहत दी। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि भाजपा अनुशासित पार्टी है, किसी को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए। सफाई में प्रेमचंद्र ने अपने बयान को गलत तरीके से प्रचारित किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनके शब्दों को संदर्भ से हटाकर पेश किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके बयान में किसी भी समुदाय या क्षेत्र विशेष को अपमानित करने का कोई उद्देश्य नहीं था। उन्होंने कहा कि गाली वाला शब्द उनके वक्तव्य से पहले का था और इसे गलत तरीके से जोड़ा गया। उन्होंने दावा किया कि सोशल मीडिया पर उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, जिससे यह विवाद खड़ा हुआ।
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प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पार्टी में अनुशासन सबसे महत्वपूर्ण है और भाजपा के किसी भी मंत्री या नेता को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए, जिससे प्रदेश की शांति भंग हो। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद अग्रवाल पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और चार बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन उन्हें शब्दों के चयन में सतर्कता बरतनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार करने वालों पर कानूनी कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया जाएगा।
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