उत्तराखंड में यूसीसी को 27 जनवरी से ही लागू हो चुका है। लेकिन, इसे लेकर लोगों के मन में तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। इसी में एक है कि अगर वह पंजीकरण कराता है तो उसकी सूचना सार्वजनिक हो सकती है। लेकिन, यहां हम आपको बता दे कि यूसीसी में पंजीकरण में दी गई सूचना सार्वजनिक नहीं की जाएगी। अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती के मुताबिक, यूसीसी में गोपनियता का पूरा ख्याल रखा गया है। दरअसल, में इस तरह के सवाल उठने के बाद उन्हें अपर सचिव गृह को बयान जारी करना पड़ा।
अपर सचिव गृह के मुताबिक, यूसीसी में सूचनाओं की गोपनीयता बनाए रखने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं। इसमें सेवाओं के पंजीकरण के समय दी जाने वाली जानकारियों को किसी तीसरे व्यक्ति को उपलब्ध नहीं कराया जाएगा। पंजीकरण की केवल संख्या ही सार्वजनिक होगी। यह पोर्टल के डैशबोर्ड पर भी दर्शायी जाएगी। यूसीसी की किसी भी सेवा के लिए दी जाने वाली निजी जानकारी (नाम, पता, मोबाइल, आधार नंबर, धर्म, जाति आदि) का विवरण किसी भी स्तर पर सार्वजनिक नहीं होगा।
इसके अलावा जिस व्यक्ति ने यूसीसी के तहत किसी सेवा के लिए आवेदन किया है, सिर्फ वही व्यक्ति खुद या किसी अन्य व्यक्ति के साथ संयुक्त आवेदन के जरिये खुद के आवेदन से संबंधित जानकारी मांग सकता है। इसके अलावा और किसी भी व्यक्ति तक सूचनाओं की पहुंच नहीं है।
अपर सचिव गृह के मुताबिक, यूसीसी के तहत होने वाले पंजीकरण की जानकारी थाना पुलिस तक सिर्फ रिकॉर्ड के लिए भेजी जाएगी। ऐसे किसी पंजीकरण में दिए गए विवरण तक संबंधित थाना प्रभारी की पहुंच एसएसपी की निगरानी में हो सकेगी। साथ ही यदि किसी भी स्तर पर सूचनाओं का दुरुप्रयोग होता है तो संबंधित के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।