गणित का भी सौंदर्यबोध कराया जा सकता है। रेखागणित भी रंगोली सरीखी मनमोहक लग सकती है। इसके लिए आपको Ghughatyal Sir के टिप्स फॉलो करने होंगे। 250 विद्यार्थी अपलक घुघत्याल सर के टिप्स को बोर्ड पर देखते रह गए। मौका था देहरादून का अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और तकनीकी मेला। मेले के दूसरे दिन गणित क्विज और मैजिक ऑफ मैथ्स जैसे कार्यक्रमों में शहर के सैकड़ों छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विज्ञान, गणित, और तकनीकी शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाने और इस क्षेत्र से जुड़े लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से यह अंतरराष्ट्रीय मेला UCOST (उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद) और दिव्य हिमगिरि द्वारा आयोजित किया जाता है।
हर साल की तरह इस वर्ष भी दून स्कूल, देहरादून के गणित विभागाध्यक्ष चंदन सिंह घुघत्याल ने मैजिक ऑफ मैथ्स का विशेष सत्र लिया। उन्होंने कई रोचक ट्रिक्स के माध्यम से छात्रों को गणित के प्रति उत्साहित किया। उन्होंने ज्यामितीय रंगोली के जरिये गणित के सौंदर्यबोध का अनुभव कराया। बताया कि यदि किसी भी अवधारणा को उसके इतिहास के साथ जानकर रुचिकर ढंग से पढ़ाया जाए तो गणित की जटिलता भी सरल और आनंददायक हो जाती है।
यह भी पढ़ें : इस बार क्यों कम हो गए आठ लाख श्रद्धालु!
अमूमन गणित का कोई भी सत्र बहुत गंभीरता से लिया जाता है। छात्रों के चेहरे गंभीर मुद्रा में होते हैं लेकिन, यहां छात्रों के चेहरे चमक रहे थे। क्योंकि घुघत्याल सर के टिप्स ही कुछ ऐसे थे। छात्रों को शायद पहली बार गणित की खूबसूरती का एहसास हो रहा था। छात्रों ने घुघत्याल सर से कई सवाल भी पूछे। उनके सत्र ने महिला तकनीकी संस्थान (WIT) के सभागार को गणितीय और तकनीकी वातावरण से भरपूर बना दिया।
बतादें कि इस वर्ष उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (UTU) में इस मेले का पांचवां संस्करण है। इसका उद्घाटन उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री श्री सुभोध उनियाल जी ने किया। इससे पहले UCOST के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने विज्ञान शिक्षा को जनोपयोगी बनाने और क्षेत्र विशेष के विकास में गहन शोध की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं, कार्यक्रम के आयोजक और दिव्य हिमगिरि के संपादक कुंवर राज अस्थाना ने विज्ञान, गणित और तकनीक के समन्वय के लिए इस तरह के आयोजनों की अहमियत पर जोर दिया। गणित क्विज के समन्वयक और डीआईटी (DIT) के गणित विभागाध्यक्ष डॉ. जोगेंद्र सिंह ने विज्ञान और गणित शिक्षा के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता को रेखांकित किया।
WIT के निदेशक डॉ. पांडा ने घुघत्याल सर को पौधा भेंट कर सम्मानित किया। डॉ. जोगेंद्र सिंह ने उन्हें DISTF का स्मृति चिह्न प्रदान कर आभार व्यक्त किया। UCOST के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत और उपनिदेशक डॉ. डी.पी. उनियाल ने गणित शिक्षा के प्रचार-प्रसार में उनके समर्पण और योगदान की प्रशंसा की।