वृद्धावस्था…उम्र का एक ऐसा पड़ाव… जहां हर किसी को एक सहारे की जरूरत होती है। एक ऐसा सहारा…जो सम्मानजनक तरीके से वित्तीय मदद देकर उम्रदराज लोगों को बेफिक्री के साथ जीने का भरोसा दे। तमाम नेगेटिव खबरों के बीच कुछ ऐसी कोशिशें होती हैं, जो उम्मीद बंधाती हैं, बेहतर समाज की, एक ऐसे समाज की जो ससम्मान जीने का अवसर दे। उत्तराखंड में वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए कई कदम उठाए गए हैं। उत्तराखंड सरकार का समाज कल्याण विभाग, आर्थिक रूप से कमजोर उम्रदराज लोगों के सामने आने वाली चुनौतियों को देखते हुए उन्हें हर महीने नियमित रूप से वृद्धावस्था पेंशन उपलब्ध करा रहा है।
राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर उत्तराखंड में 01 अप्रैल 2023 से पेंशन के लिए नए आवेदनों की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। पहले पेंशन की राशि तीन महीने के अंतराल पर लाभार्थियों के खाते में जाती थी। अब यह हर महीने के पहले सप्ताह में लाभार्थियों को मिल रही है। ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू होने के बाद से पूरे राज्य में 31 अगस्त तक 83 हजार 635 नए आवेदकों ने Old Age Pension के लिए आवेदन किया है। इसमें से पात्रता रखने वाले 81 हजार 125 लोगों की पेंशन शुरू हो गई है।
- वृद्धावस्था पेंशन
5.50 लाख से ज्यादा लाभार्थी
1500 रुपये प्रतिमाह
82.77 करोड़ रुपये प्रतिमाह
अप्रैल 2023 से ऑनलाइन आवेदन
83,635 नए आवेदन
अप्रैल 2023 के बाद 81,125 नई पेंशन
(आंकड़े 31 अगस्त, 2024 तक) स्रोत – सामाजिक सुरक्षा राज्य पोर्टल
उत्तराखंड में अब पति-पत्नी दोनों ही सार्वभौम पेंशन के हकदार हैं, यानी पात्र पति-पत्नी 3000 रुपये की मासिक पेंशन का लाभ ले रहे हैं। 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के ऐसे लोग जिनकी पारिवारिक आय 48 हजार रुपये प्रति वर्ष से कम है, मासिक तौर पर वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त कर सकते हैं। आवेदन करने के लिए, आपको आयु, पहचान और निवास का प्रमाण और आय प्रमाणपत्र जैसे आवश्यक दस्तावेज़ प्रदान करने होंगे। आवेदन प्रक्रिया सरल है और इसके लिए जन सेवा केंद्र यानी सीएचसी से www.ssp.uk.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इसके अलावा अपणि सरकार पोर्टल www.eservices.uk.gov.in से भी पेंशन योजनाओं के लिए आवेदन किया जा सकता है। आवेदन में किसी तरह की आपत्ति आने पर समाज कल्याण विभाग के स्थानीय कार्यालय पर संपर्क किया जा सकता है।
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जिलेवार देखें तो अल्मोड़ा में 50,502, बागेश्वर में 18,207, चमोली में 16,983, चंपावत में 17,183, देहरादून में 68,760, हरिद्वार में 1,03,025, नैनीताल में 40,543, पौड़ी गढ़वाल में 30,027, पिथौरागढ़ में 27,175, रुद्रप्रयाग में 14,664, टिहरी गढ़वाल में 49,950, ऊधम सिंह नगर में 91,554, उत्तरकाशी में 21,890 लोगों को वृद्धावस्था पेंशन का लाभ मिल रहा है।
समाज कल्याण विभाग की ओर से राज्य के किसानों, दिव्यांगों, विधवा महिलाओं को भी हर महीने पेंशन उपलब्ध कराई जा रही है। किसान पेंशन में 1200 रुपये की राशि प्रति माह मिलती है। राज्य में 27 हजार 130 लोग इस पेंशन योजना के लाभार्थी हैं। 18 साल से अधिक आयु के दिव्यांगों को भी 1500 रुपये प्रतिमाह पेंशन के रूप में दिए जाते हैं।
राज्य में 83 हजार 311 दिव्यांगों को पेंशन का लाभ मिल रहा है। 18 साल कम आयु के दिव्यांग बच्चों को भरत-पोषण अनुदान के तहत 700 रुपये प्रतिमाह उपलब्ध कराए जाते हैं। 6 हजार 586 बच्चों को इस योजना का लाभ मिल रहा है। इसी तरह विधवा महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह की पेंशन उपलब्ध कराई जाती है। राज्य में 2 लाख 17 हजार 160 महिलाएं इस योजना की लाभार्थी हैं।
इसके अलावा कृषि कार्य करते हुए शारीरिक हानि होने पर 1200 रुपये तीलू रौतेली पेंशन, 1200 रुपये बौना पेंशन और 1200 रुपये परित्यक्ता पेंशन के रूप में भी हर माह वितरित किए जा रहे हैं। इन सभी योजनाओं का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। समाज कल्याण विभाग की पेंशन योजनाएं न सिर्फ वित्तीय सहायता प्रदान करती है, बल्कि जरूरतमंद लोगों के सामाजिक समावेश और सम्मान को बढ़ाती हैं।