Gaulapar Stadium का इंटरनेशनल का दर्ज छिन सकता है। क्योंकि भारी बारिश के कारण इसकी 35 एकड़ में बने इस स्टेडियम का दो एकड़ का हिस्सा बह गया है। गौला नदी में आए बाढ़ के कारण स्टेडियम की पश्चिमी छोर पर बनी दर्शक दीर्घा की पार्किंग का बड़ा हिस्सा और गेटर नंबर दो का अप्रोच मार्ग का बड़ा हिस्सा नदी में समा गया है।
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ऐसे में क्रिकेट के अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक स्टेडियम अब नहीं रह गया है। अगर कटान में बही इस जमीन की रिकवरी यानी वापस नहीं बनाया गया तो 190 करोड़ की लागत से बना यह स्टेडियम अपना अंतराष्ट्रीय दर्जा खो देगा। यह प्रदेश के लिए एक बड़ा झटका होगा। बतादें कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश के चलते गौला नदी ने अपना रुख अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की ओर मोड़ दिया था। स्टेडियम को बचाने के लिए सिंचाई विभाग ने अस्थाई तौर पर नदी को करीब 500 मीटर में चैनेलाइज किया। जिससे नदी का पानी स्टेडियम की तरफ नहीं आए लेकिन, इन बस कवायदों पर पानी फिर गया। हाल में हुई भारी बारिश से स्टेडियम को काफी नुकसान पहुंचा है।

बचाने की भी हो रही कवायद
गौलापार में करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम को गौला नदी के कटान से बचाने की कवायद पिछले माह से ही शुरू हो गई थी। दरअसल, जून-जुलाई में हुई बारिश के दौरान ही स्टेडियम को काफी नुकसान पहुंचा था। इसके लिए सिंचाई विभाग अस्थायी कार्य तो रहा ही रहा है साथ में दीर्घकालीन योजना भी बनाई है। इसके तहत सिंचाई विभाग अब स्टेडियम के नदी के किनारे वाले हिस्से में 500 मीटर आरसीसी सपोर्ट दीवार बनाने की योजना बनाई है। जिसमें करीब 178 करोड़ का बजट खर्च किया जाएगा। बताया जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की जमीन का 750 मीटर का हिस्सा गौला नदी से लगा हुआ है। पिछले दो साल से नदी से हो रहे भूकटाव के कारण स्टेडियम को नुकसान पहुंच रहा है।
सीएम ने किया था निरीक्षण
बीते 8 जुलाई को भारी बारिश के चलते स्टेडियम के किनारे का 200 मीटर का हिस्सा नदी में समा गया था। उस समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थलीय निरीक्षण कर स्टेडियम को बचाने के लिए फेज टू के तहत प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए थे।