चमोली एवलांच :चमोली जिले में बद्रीनाथ धाम के समीप स्थित माना गांव के पास ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हो गया है। दुर्घटना में सीमा सड़क संगठन (BRO) के ठेकेदार के तहत काम कर रहे 57 मजदूर मलबे में दब गए। अब तक 32 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है, जबकि शेष 25 मजदूरों की तलाश जारी है। आईजी राजीव स्वरूप ने बताया कि सभी को सुरक्षित निकालने और मार्ग खोलने के प्रयास लगातार जारी हैं। इस पूरी घटना और राहत कार्य के बीच एक सवाल उठ रहा है कि मौसम विभाग की भारी बर्फबारी की चेतावनी के बावजूद यहां पर काम करने वाली कंपनी ने मजदूरों की सुरक्षा को ध्यान में क्यों नहीं रखा। उधर, बारी बर्फबारी के कारण बचाव अभियान रुक गया है। बताया जा रहा है कि बचाव अभियान के लिए एयरफोर्स की मदद मांगी गई है। उधर, सीएम धामी ने भी उच्च स्तरीय बैठक कर बचाव अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, आई.टी पार्क देहरादून पहुंचकर जनपद चमोली के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की और हिमस्खलन के बाद रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने हिमस्खलन के बाद की… pic.twitter.com/hN0y6LcA8o
— Uttarakhand DIPR (@DIPR_UK) February 28, 2025
ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन हुआ है। जिससे बीआरओ के कैंप को नुकसान पहुंचा है। घटना के वक्त करीब 57 मजदूर मौजूद थे। जिन 32 मजदूरों निकाला गया है उनका इलाज आईटीबीपी हॉस्पिटल माणा में चल रहा है। अभी भी 25 लोग लापता हैं। बतादें कि अधिकतर मजदूर कर्मचारी पंजाब, यूपी, हरियाणा के हैं।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार चमोली जनपद में माणा पास और माणा के मध्य हुए हिमस्खलन क्षेत्र में चलाया जा रहा रेस्क्यू अभियान।#Avalancheinachamoli#AvalancheinUttarakhand#Avalanche pic.twitter.com/g6SmeEIfK4
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