आपने अपनी जिंदगी में कितने साल पुराना देखा होगा। कुछ लोग कहेंगे कि हमने 50 साल 100 साल 200 साल ज्यादा से ज्यादा 2800 साल पुराना पेड़ देखा है। teerandaj.com की टीम मलारी से आपके लिए कुछ खास लाई है। यह एक खूबसूरत पेड़ है, इसे ‘देव वृक्ष’ भी कहते हैं। यकीन मानिये जब हम आपको इस पेड़ की उम्र के बारे में बताएंगे तो आप चौंक जाएंगे। यह बात ऐसी नहीं है कि किसी ने कह दिया और हमने मान ली। इस पेड़ की उम्र डेंड्रियाक्रॉनोलॉजी से निकाली गई है। इस पेड़ की उम्र 1200 साल से ज्यादा है।
साल 2009 में प्रोफेसर एमपीएस बिष्ट ने दो और साथी प्रोफेसरों के साथ मिलकर इस पेड़ की उम्र निकली थी। तब शोध में पता चला कि मलारी गांव में एक ऐसा पेड़ है जिसने इस क्षेत्र में हुई तमाम भूगर्भीय हलचलों को देखा है। कई सारे बदलावों का खामोश गवाह रहा है। जब हम अतुल्य उत्तराखंड की बात करते हैं तो उत्तराखंड में कई सारी ऐसी चीज है। लेकिन हम ऐसी चीजों को ढूंढने की कोशिश नहीं करते हैं और जाने की कोशिश नहीं करते हैं।
आज जब हम यहां पर आए हैं ओर इस पेड़ के पास खड़े हैं तो इस पेड़ से काफी जुड़ाव महसूस हो रहा है। यह एहसास मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं। पेड़ के पीछे पूरा मलारी गांव बसा है और यहां से खूबसूरत वादियां देखी जा सकती है।
इस पेड़ की यह खासियत है कि यह उत्तराखंड का सबसे पुराना पेड़ है। 2009 में इस पेड़ की उम्र पता लगाने के लिए एक पूरी प्रक्रिया के तहत सर्वे किया गया था। वैज्ञानिकों की एक टीम ने चकराता से लेकर जागेश्वर तक पेड़ों का अध्ययन किया। तमाम पेड़ों का अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाल कर आया कि उत्तराखंड का सबसे पुराना पेड़ मलारी में देवदार का पेड़ है। आपको भी अगर कभी मौका मिले प्रकृति से जुड़ने का तो पहाड़ों में आए और पलारी में आकर इस पेड़ की छांव में जरूर बैठे।